जश्न-ए-आजादी के उपलक्ष्य में ISWA की ओर से अखिल भारतीय मुशायरा और कवि सम्मेलन आयोजित

उत्तर प्रदेश

बरेली जनमत। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इंटेलेक्चुअल सोशल वेलफेयर एसोसिएशन (ISWA) बरेली द्वारा अखिल भारतीय मुशायरा और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। बरेली में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से शायरों और कवियों ने भाग लिया और अपने कलाम से देशभक्ति की भावना को प्रकट किया।
सबसे पहले ISWA के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद फ़ाज़िल और सचिव डॉ. शकील अहमद ने अतिथियों और शायरों का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिस बेग और निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. अय्यूब अंसारी भी उपस्थित थे। डॉ. फ़ाज़िल ने कहा “ऐसे आयोजनों से समाज में भाईचारा और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा मिलता है। हमें 15 अगस्त के इस पावन दिन को पूरे जोश और उल्लास के साथ मनाना चाहिए।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने-माने शायर जनाब मंसूर उस्मानी साहब ने की, जबकि मंच का संचालन सुप्रसिद्ध नाज़िम डॉ. हिलाल बदायूंनी ने बखूबी निभाया। शायर जनाब मंसूर उस्मानी ने कहा “हमारा प्यार महकता है उसकी साँसों में, बदन में उसके कोई ज़ाफ़रान थोड़ी है।” मुशायरे की शुरुआत मशहूर शायरा शबीना अदीब के देशभक्ति गीत से हुई। “ये मुहब्बत की ज़मी है, ये शहीदों का वतन, ये वतन मेरा वतन, ये वतन मेरा वतन।”
कार्यक्रम में शबीना अदीब के अलावा जनाब जौहर कानपुरी, शाइस्ता सना, हिमांशी बाबरा, सुल्तान जहां, राहिल बरेलवी, हास्य कवि अनगढ़ सम्भली, मोहन मुन्तज़िर, श्रीदत्त शर्मा मुझ्तर, और अन्य प्रतिष्ठित शायरों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।
जौहर कानपुरी ने कहा, “मुहल्ले वाले तुझे डर के कर रहे हैं सलाम, किसी के दिल में तेरा एहतराम थोड़ी है।” शाइस्ता सना ने समाज के दर्द को उजागर करते हुए कहा, “हमने देखा है कि दो वक्त की रोटी के लिए, अब तो माँ बाप का बंटवारा किया जाता है।” हास्य शायर अनगढ़ सम्भली ने अपने अंदाज़ में कहा, “दूर हट आयी बड़ी मुर्ग़ बनाने वाली, तुझसे खिचड़ी भी कभी ढंग की बनी हो तो बता।” नैनीताल से आए मोहन मुंतज़िर ने कहा “प्यार करो धरती से तुम, आज़ाद बनो अशफ़ाक बनो, लैलाओं के चक्कर में मजनू बनने से क्या होगा।” वहीं मेरठ से आई हिमांशी बाबरा ने कहा, “तू लाख बेवफा है मगर सर उठा के चल, दिल रो पड़ेगा तुझको पशेमान देखकर।”


कार्यक्रम के अंत में ISWA के सचिव डॉ. शकील अहमद ने सभी शायरों, कवियों, और श्रोताओं का हार्दिक धन्यवाद किया और घोषणा की कि इस मुशायरे को अब हर साल 15 अगस्त को ISWA के बैनर तले आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बरेली के मेयर डॉ. उमेश गौतम, ISWA के डॉ. अनिस, डॉ. अय्यूब, डॉ. फिरासत, डॉ. लईक, डॉ. जावेद कुरैशी, डॉ. नईम सिद्दीकी, डॉ. ग़यासुर रहमान, डॉ. मेहराज, खुर्रम, डॉ. शमशाद, डॉ. ताहिर, डॉ. ज़ाकिर, डॉ. राही, डॉ. फ़ैज़, डॉ. मुजीब, डॉ. अली, डॉ. फ़हमी, डॉ. फ़ारनाज़ तंजीम साबरी, आमिर सुलतानी , नदीम , शहवाज, सलीम सुल्तानी , सबीन हसन आदि उपस्थित रहे।         

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