अजमेर जनमत। सूफी संत हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रह• के 813वें उर्स के मौके पर मंगलवार को कुरान खानी के बाद कुल की महफिल नौ बजे सुबह हुई। दोपहर एक बजे रंग पेश किया गया। इसके बाद दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन महफिल से उठकर जन्नती दरवाजा होते हुए आस्ताना पहुंचे। यहां कुल की फातिहा हुई और हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की मज़ार खिदमत के बाद जन्नती दरवाजा बंद कर दिया गया।
वहीं हजारों जायरीनों ने सोमवार रात को ही दरगाह में कुल के छींटे लगाए। जायरीन ने रात आठ बजे के बाद दरगाह की दीवारों को गुलाब जल और केवड़े से धोना शुरू कर दिया। कुल के छींटे लगाने के लिए दरगाह में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। दरगाह ही नहीं दरगाह के आसपास एक किलोमीटर तक तमाम रास्ते और गालियां जायरीनों से खचाखच भरी रहीं। देर रात तक जायरीनों का दरगाह को धोने का सिलसिला जारी रहा। वहीं, मंगलवार को छठी के दिन की दोपहर तक कुल के छींटे देने का क्रम जारी रहा। दरगाह के खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सकी ने बताया कि उर्स के पांचवे दिन रात आठ बजे बाद से दरगाह में जायरीन केवड़ा और गुलाब जल से दरगाह खुद धोने लगते हैं। हालांकि, यह रस्म छठी के दिन निभाई जाती है, लेकिन जायरीनों को वापस लौटना होता है। ऐसे में वे रात आठ बजे बाद छठी मानकर दरगाह में कुल के छींटे देने लगते हैं। उर्स 6 दिन मनाया जाता है। छठी के दिन दरगाह में छोटे कुल की रस्म निभाई जाती है। इसके साथ ही उर्स संपन्न हो जाता है। छठी के दिन सुबह साल में चार मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने दरगाह पर भेजी चादर…
सूफी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कशिश वारसी ने अजमेर के ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चादर भेजने को सराहनीय कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे देश की फिजा बिगाड़ने वाले को सबक मिला है कि हमारी एकता की जड़ें कितनी मजबूत हैं। कशिश वारसी ने कहा कि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स मुबारक मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट मंत्री और भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष को चादर और एक संदेश लेकर भेजा। उन्होंने देश की फिजा बिगाड़ने वालों को बता दिया है कि यहां पर कौमी एकता की जड़ें कितनी मजबूत हैं। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष, राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित कई बालीवुड की हस्तियों ने भी दरगाह पर चादर पेश की।