हज़रत शाह शुजाअत अली मियां के 67वें उर्स का परचम कुशाई से आगाज़, देश-विदेश के उमड़े ज़ायरीन

धार्मिक

बदायूँ जनमत। आज 29 अप्रैल 2023 बरोज़ हफ़्ता सूफ़ी ए बा सफ़ा हज़रत किब्ला शाह मौलाना शुजाअत अली मियां रहमतुल्लाह अलैह के सालाना (67 वें) उर्स के पहले दिन का आग़ाज़ सुबह बाद नमाज़ फज्र कुरआन ख्वानी से हुआ।
सुबह से ही ज़ायरीन की आमद का सिलसिला तेज़ी से शुरू हो गया, यूपी समेत देशभर के अन्य राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, बंगाल, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों से हज़ारों की तादाद में ज़ायरीन उर्स में शिरकत करने ककराला दरगाह शरीफ़ पर आ चुके हैं। मज़ारे शाह शुजाअत अली मियां पर गुलपोशी व हाज़िरी के लिए ज़ायरीन का तांता बंधा हुआ है।
सज्जादानशीन हज़रत पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर से सलाम के लिए मुरीदीन कतार बा कतार मिल रहे और ये सिलसिला सुबह से रात तक जारी रहा।
दूर-दराज़ से आए हुए ज़ायरीन के लिए दरगाह शरीफ़ पर लंगर भी सुबह से रात तक चलता रहा, जायरीन के लिए लंगर हर वक्त जारी है।
देश के कोने-कोने से आने वाले ज़ायरीन के ठहरने व खाने पीने की व्यवस्था दरगाह शरीफ़ की जानिब से की गई है, ज़ायरीन की सुविधा व देख-रेख के लिए दरगाह शरीफ़ के व्यवस्था में मुंतखब मियां, मुहम्मद गाज़ी मियां, इंतखाब सकलैनी, गौसी सकलैनी, मुंतसिब सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, महफूज़ अहमद, हमज़ा सकलैनी, असदक सकलैनी, उमम सकलैनी, ऐनुल सकलैनी व हज़रत शाह सकलैन एकेडमी के सभी पदाधिकारी आदि की निगरानी में व्यवस्थाएं कीं जा रही हैं।

शान ओ शौकत से निकला जुलूसे परचम कुशाई

आज दिनांक 29 अप्रैल दिन शनिवार उर्स के पहले दिन बाद नमाज़ ज़ुहर दोपहर 03 बजे दरगाह शाह दरगाही महबूब ए इलाही ज़्यारत शरीफ़ से जुलूस ए परचम कुशाई अदा की गई, जुलूस का परचम हाजी मुंतखब मियां ने उठाया और जुलूस का परचम साहिबज़ादे हाजी मुहम्मद गाज़ी मियां को सौंपकर जुलूस को रवाना किया। जुलूस की सरपरस्ती पीरो मुरशिद हज़रत शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर ने फरमाई। रास्ते में जुलूस की कयादत अल्हाज मुहम्मद गाज़ी मियां, इंतखाब सकलैनी व हाफ़िज़ गुलाम गौस सकलैनी ने की।
जुलूस जामा मस्जिद, हुसैन गली, खिलाड़ी वाली चौपाल, पूरब पुल होता हुआ मेन बाज़ार से गुजरकर दरगाह शाह शुजाअत पर पहुंच कर खत्म हुआ।
दरगाह शरीफ़ पर परचम नस्ब किया गया और मज़ारे पाक पर तमाम अकीदतमंदों ने हाज़िरी दी और चादर पेश की।

जुलूस का रास्ते भर खूब ज़ोरदार इस्तकबाल होता गया, जगह-जगह जुलूस पर फूल बरसाए गए और लोगों ने खाने-पीने की सबील भी लगाई।
जुलूस में रास्ते भर हसीब रौनक सकलैनी, आमिल ककरालवी, मजहर सकलैनी आदि ने नात ओ मनकबत शरीफ़ के शानदार कलाम पढ़े गए और रूहपरवर नारों की सदाओं से इलाका गूंज उठा।
जुलूस में ककराला के तमाम मोअज़्ज़िज़ लोग, इमाम हाफ़िज़ मौलाना मुकद्दस, मौलाना कैस, हाफ़िज़ आमिल, हाफ़िज़ अयाज़, हाफिज जान मुहम्मद, हाफ़िज़ जाने आलम, मौलाना रुम्मान आदि शामिल रहे।

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