बदायूं- हज़रत शाह शुजाअत अली मियां के कुल में उमड़ा मुरीदीन का सैलाब, सकलैन मियां ने की रस्म अदायगी

धार्मिक

बदायूँ जनमत। हज़रत मौलाना शाह शुजाअत अली मियां के सालाना (67वें) उर्स ए मुबारक के दूसरे व आखिरी दिन की शुरुआत सुबह कुरआन ख्वानी से की गई। वहीं कुल शरीफ़ में शिरकत करने के लिए पूरी रात ज़ायरीन की आमद जारी रही और सुबह से ज़ायरीन के आने का सिलसिला काफी बड़ी तादाद में बढ़ गया।
सुबह से ज़ायरीन का हुजूम उमड़ना शुरू होने लगा और देखते ही देखते मैन सड़क और आस-पास की गालियां, मकान, शादी हॉल, स्कूल्स व मस्जिदें ज़ायरीन की तादाद से खचाखच भर गईं। ककराला बदायूं मार्ग पूरी तरह से अकीदतमंदों की भीड़ से बंद रहा।
दरगाह शरीफ़ पर आज रविवार सुबह 09 बजे नातख्वानी व तकरीरी महफ़िल सजाई गई, महफिल का आग़ाज़ तिलावते कलामे पाक से हुआ। हज़रत मौलाना जाफ़र शराफ़ती मुरादाबादी ने साहिबे उर्स हज़रत किब्ला शाह मौलाना शुजाअत अली मियां की शान ओ अज़मत ब्यान की, इनके बाद मौलाना नूर मुहम्मद सकलैनी, मौलाना रिफ़ाकत सकलैनी ककरालवी, मौलाना कारी अनवार सकलैनी वगैरह उलमा-ए-किराम ने सिलसिला ए कादिरिया सक़लैनिया शराफ़तिया की अज़मत व खिदमात पर रौशनी डाली।
हसीब रौनक सकलैनी, आफ़ाक सकलैनी, आमिल ककरालवी, अंसार झांसवी, निसार अहमद मुंबई, अरवाज़ सकलैनी, यूसुफ सकलैनी आदि ने अपनी-अपनी खूबसूरत आवाज़ में नअत ओ मनकबत के शानदार कलाम पढ़े।
सुबह ठीक 11 बजे सज्जादानशीन हज़रत पीरो मुरशिद शाह मौहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर ने कुल शरीफ़ की फातिहा पढ़ी और कुल की रस्म अदा की। कुल के मुबारक मौके पर पीरो मुरशिद मियां हुज़ूर ने मुल्क, शहर व क़ौम की सलामती हिफाज़त की दुआएं कीं। क़ौम को हिदायत देते हुए फरमाया कि अपने आपसी झगड़े इख्तिलाफात को आपस में ही निपटाएं और आपस में मिल-जुल कर इत्तिहाद ओ इत्तिफाक़ से रहने की कोशिश करें। आपने आगे कहा कि दीन ओ सुन्नत के रास्ते पर मज़बूती से चलें और बुजुर्गों की तालीम पर अमल करें।
कुल शरीफ़ के मौक़े पर हाजी मुंतखब मियां, अल्हाज गाज़ी मियां, हाजी सादकैन सकलैनी, हाफ़िज़ गुलाम गौस, इंतखाब सकलैनी, मुर्तुज़ा सकलैनी, मुंतसिब सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, हमज़ा सकलैनी, ऐनुल सकलैनी, उमम सकलैनी, ज़िया सकलैनी आदि मौजूद रहे।

लाखों ज़ायरीनों ने खाया लंगर…

कुल शरीफ़ के बाद लाखों ज़ायरीन का सैलाब दरगाह शरीफ़ का लंगर खाकर धीरे-धीरे अपने घरों को रूखसत होता गया। दरगाह शरीफ़ का लंगर ज़ायरीन के लिए हर वक्त जारी रहा, सुबह से रात तक लंगर का बड़ा दस्तरख्वान एक लम्हे के लिए भी खाली नहीं रहा। उर्स के दोनों दिन बड़े पैमाने पर लंगर चलता रहा।

उर्स में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था रही चाक चौबंद…

उर्स ए शाह शुजाअत अली मियां में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतिजामात किए गए, जगह-जगह पुलिस की टोलियां तैनात रहीं और उर्स पर विशेष नज़र रखी गई। उर्स के दोनों दिन पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों का भी दौरा लगा रहा। ज़िले के उच्च अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा, इसके अलावा मीडिया का भी भरपूर सहयोग रहा। दरगाह के हाजी मुंतखब मियां व गाज़ी मियां सकलैनी ने आलम ए इस्लाम को उर्स शरीफ़ की मुबारकबाद पेश की और पुलिस-प्रशासन के सहयोग व मीडिया के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया।

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