बदायूँ जनमत। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में महिला चिकित्सक की बेटी को घर से उठाकर बंधक बनाने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आरोपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य और भाजपा नेता मनोज मसीह, उनके दोनों बेटे और पत्नी की इस घटना से मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा नेता के दबाव में आकर पहले तो पुलिस इस मामले को दबाने में जुटी रही, लेकिन यह घटना सुर्खियों में आई तो पुलिस ने आनन-फानन में भाजपा नेता और उनके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अगवा छात्रा को ढूंढ लिया गया। गुरुवार को पुलिस ने महिला अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया। अब पुलिस अगवा छात्रा के धारा 161 के तहत बयान दर्ज कर रही है। इसके बाद पीड़िता को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला…??
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला चिकित्सक के मुताबिक 17 सितंबर की रात लगभग साढ़े नौ बजे वह अपने रिश्तेदार और बेटी के साथ घर में बातें कर रही थीं। इसी दौरान अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य भाजपा नेता मनोज मसीह और उनका बेटा ऋषभ मसीह, उनकी पत्नी अनीता घर में घुस आए। ऋषभ के हाथ में तमंचा था। वह महिला चिकित्सक की बेटी को ले जाने लगे। महिला चिकित्सक ने विरोध किया तो उनके साथ हाथापाई करते हुए जान से मारने की नीयत से फायर किया गया। इसके बाद महिला चिकित्सक की बेटी पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया गया। पीड़ित छात्रा के चाचा और दादा जब आरोपी भाजपा नेता की कोठी पर बात करने पहुंचे तो उनको भी बंधक बना लिया गया। इसकी सूचना पर पुलिस ने उन लोगों को बंधनमुक्त कराया।
इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक थाना सिविल लाइन राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज है। महिला चिकित्सकी बेटी का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद उसके कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।