उस्ताद तालिब हुसैन सुल्तानी म्यूजिक एकेडमी द्वारा “एक शाम तालिब सुल्तानी के नाम”

उत्तर प्रदेश

बदायूँ जनमत। उस्ताद तालिब हुसैन सुल्तानी म्यूजिक एकेडमी द्वारा “एक शाम तालिब सुल्तानी के नाम” से राज महल गार्डन में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ ओपी सिंह और विशेष अतिथि के रूप में फखरे अहमद शोबी मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध बांसुरी वादक राजेंद्र प्रसन्ना जी ने अपनी बांसुरी के स्वर से जनता को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रोता उनकी बांसुरी के स्वर में खो गए, इसके बाद लखनऊ से तशरीफ लाए जाफर नियाज़ी ने कोल से शुरुआत करके समा बांधा। श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट में बता दिया कि कार्यक्रम उच्च स्तरीय है। उन्होंने पढ़ा “तन में अली अली तो जुबा पर अली अली, मर जाओ तो भी लिखना कफन पर अली अली” इसके बाद जाफर साबरी दिल्ली ने भी एक गज़ल पढ़कर समा बांधा। उन्होंने पढ़ा “ज़ख्म देने से पहले दवा दे गया बद्दुआ दे देते दुआ दे गया” बदायूं के मशहूर गायक दानिश हुसैन बदायूनी ने बसंत पढ़कर कव्वाली की शुरुआत की लोगों ने उनको भी बहुत नवाजा और उन्होंने पढ़ा “आज रचो है बसंत निजाम घर ” तालिब सुल्तानी की याद में उनके शागिर्द मोहम्मद शमी ने भी एक गजल पेश की।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद डॉ ओपी सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से हमारी संस्कृति बची रहेगी कार्यक्रम सराहनीय है और हमें लोगों को ऐसे कार्यक्रमों को की सराहना करनी चाहिए।
विशेष अतिथि फखरे अहमद शोबी ने कहा के ऐसे कार्यक्रमों से लोगों में अपने संगीत के प्रति मोहब्बत बढ़ती है।
कमेटी के सभी सदस्यों ने सभी का स्वागत किया कार्यक्रम समाप्ति तक लोग पंडाल में डटे रहे। कार्यक्रम का संचालन जोहेब असलम ने किया।आयोजक आमिर सुल्तानी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

 

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