बदायूँ जनमत। शीतलहर में अपनी फसलों को रखाने वाले किसानों ने आवारा गौवंशों को गांव के एक सरकारी स्कूल में बंद कर दिया। सूचना पर पहुंचे नायब तहसीलदार और ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक भी हो गई। जिसके चलते देर शाम नायब तहसीलदार आवारा गौवंश को स्कूल में ही बंद छोड़कर वापस लौट गये। अगले दिन फिर पहुंचे नायब तहसीलदार ने गांव में स्थाई गौशाला बनवाने की बात कही तो परेशान किसानों ने गौशाला बनवाने के आश्वासन को लिखित रूप में लिया। इसके बाद स्कूल में बंद गौवंश को पास के गांव की गौशाला में भेजा गया है।
मामला ब्लॉक उसावां के उसहैत क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर के गांव बनी का है। यहां के परेशान किसानों ने करीब 50 आवारा गौवंश को घेराबंदी करके गांव के स्कूल में बंद कर दिया था। इसकी सूचना पर नायब तहसीलदार छविराम, सचिव नदीम अहमद, कानूनगो और लेखपाल मौके पर पहुंचे। नायब तहसीलदार छविराम ने ग्रामीणों से आवारा गौवंश को छोड़ने की बात कही, साथ ही कहा कि अन्यथा वह सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवा देंगे। इस बात पर परेशान किसान नायब तहसीलदार के खिलाफ हो गये। जिसको लेकर तीखी नोकझोंक भी होगी। मामला थाने तक पहुंच गया। हालांकि उसहैत थाना प्रभारी इंस्पेक्टर वीरपाल सिंह तोमर इस बात को नकार रहे हैं।
अगले दिन शनिवार को नायब तहसीलदार छविराम, सचिव नदीम अहमद, कानूनगो और लेखपाल गांव पहुंचे और ग्रामीणों को काफी समझाया। साथ ही गांव में गौशाला बनवाने का आश्वासन दिया। इस पर ग्रामीणों ने आश्वासन को लिखित रूप में देने की मांग की। नायब तहसीलदार ने आश्वासन को लिखित रूप में दिया।इसके बाद सचिव नदीम अहमद के नेतृत्व में करीब 50 गौवंशों को ग्राम खेड़ा किशनी खाम की गौशाला में भिजवाया गया है। वहीं गांव बनी में गौशाला के लिए भूमि चिन्हित की गई है।