हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज़ के 811वें उर्स पर अकीदतमन्दों ने की कुल की रस्म अदा, जगह जगह हुईं फात्हांख्वानी

धार्मिक

बदायूँ जनमत। सूफी संत हज़रत मुईनुद्दीन हसन चिश्ती ख्वाज़ा गरीब नवाज़ अजमेरी के सालाना उर्स के मौके पर जिले भर में अकीदतमन्दों ने मस्जिदों, मदरसों और घरों में फात्हांख्वानी कर कुल की रस्म अदा की, साथ ही सलातो सलाम पेश किया।
रविवार को सूफी संत हजरत मुईनुद्दीन हसन चिश्ती ख्वाज़ा गरीब नवाज़ अजमेरी के 811वें सालाना उर्स के मौके पर कस्बा सैदपुर के मोहल्ला कुरैशियान नूरी चौक पर एक महफ़िल का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत तिलावते कलामे इलाही से हाफिज नाहिद हुसैन ने की, नात व मनकत पेश की गई।इसके साथ ही मौलाना राहिल खां ने तकरीर पेश करते हुए कहा ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज़ के दर पर जो भी जाता है। खाली हाथ नहीं आता। कुल की रस्म अदा कर सलातो सलाम पेश किया गया। वहीं फात्हांख्वानी के बाद मुल्क व कौम की खुशहाली के लिए दुआ की गई। इसके साथ ही अकीदतमन्दों ने मस्जिदों और घरों में महफिल सज़ा कर शीरीनी के तौर पर फल, हलवा, दलिया तस्कीम किया। हाफिज रिजवान, हाफिज अकरम ने ख्वाजा गरीब नवाज़ की सीरत वया की। इस मौके पर अंजुमन रज़ा ए मुस्तफा के सदर जाहिद हुसैन, सालिम कुरैशी, राशिद, रेहान, जुनेद, नाहिद हुसैन आदि मौजूद रहे।

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