27वीं शब : तरावीह में कुरान मुकम्मल, इबादत में गुजरी रात, सालिम मियां का उर्स भी मनाया

धार्मिक

बदायूँ जनमत। रमजानुल मुबारक की 27 वीं शब यानि रात को जिले भर की अधिकतर मस्जिदों में तरवीह में कुराने पाक मुकम्मल हुए। वहीं उलेमा ने इस रात की फजीलत बयां की इस। साथ ही कुछ जगह खानकाह आलिया कादरिया के सज्जादानशीन काजी ए जिला रहे हज़रत सालिमुल कादरी का उर्स भी नहीं मनाया गया। उलेमाओं ने कहा रमज़ान की 27वीं मुबारक रात में ही कुराने पाक नाजिल हुआ, जो लोगों का रहनुमा है। इस मुबारक रात में लोगो ने खास इबादत की, मस्जिदों को सजाकर रोशनी कर महफिल की गई। इस रात को शबे कद्र के साथ इबादत इनाम और दुआओं की रात भी कहते है। 27वीं शब को शहर की मस्जिदों के अलावा वजीरगंज, सैदपुर, बिसौली, उझानी, बिल्सी, इस्लामनगर, सहसवान, कुँवरगांव, ककराला, उसहैत, दातागंज आदि की अधिकतर मस्जिदों में तरवीह में कुराने पाक मुकम्मल हुए लोगों ने हाफिज लोगों को फूल माला पहनकर मुबारकबाद पेश की। सलातो सलाम के बाद दुआ की गई। हाफिज रिजवान ने कहा की इस रात में अल्लाह की इबादत करने वाले मोमिन के दर्जे बुलंद होते हैं। गुनाह बख्श दिए जाते हैं। दोज़ख से निजात मिलती है। वैसे तो पूरे माहे रमजान में बरकतों और रहमतों की बारिश होती है। यह अल्लाह की रहमत का महीना है शब-ए-कद्र की विशेष रात में इबादत कुबूल व मकबूल होती हैं। अल्लाह तआला की बारगाह में रो-रोकर अपने गुनाहों की माफी तलब करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं अल्लाह नेक व जायज तमन्नाओं को पूरा फरमाता है। सलातो सलाम के बाद दुआ की गई।

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