बरेली जनमत। जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उर्स प्रभारी सलमान हसन खांन (सलमान मियां) ने बताया कि उर्से ताजुश्शरिया में बाहर से आये उलेमा किराम ने शिरकत की, इसके साथ साथ देश विदेश से लाखों अक़ीदतमंदों ने हाज़री दी। जमात रज़ा ए मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय महासचिव फ़रमान मियाँ ने बताया उर्स का आगाज़ नमाज़े फजर कुरआन ख्वानी और नातों मनकबत से हुआ। बाद नमाज़े जोहर नातों मनकबत व उलमा ए किराम की तकरीर हुई। खासकर मोहद्दिसे कबीर अल्लामा जियाउल मुस्तफ़ा, सय्यद गियासे मिल्लत, सय्यद गुलज़ारे मिल्लत, अफताब कासिम साउथ अफ्रीका इनके अलावा देश विदेश से हजारों उलेमा किराम ने शिरकत की और हुजूर ताजुश्शरिया की ज़िन्दगी पर रौशनी डाली व आपकी दीनी ख़िदमात के बारे में बताया। हुज़ूर ताजुश्शरिया ने अपनी ज़िन्दगी को सिर्फ खिदमते दीन के लिए वक़्फ़ कर दिया, आपने बहुत सी किताबे लिखीं जिनमें नातिया दीवान, फतावा ताजुश्शरिया मशहूर हैं।
वहीं उर्स 07: 14 पर हुज़ूर क़ाइद ए मिल्लत की दुआ पर ख़त्म हुआ और हुज़ूर क़ाइद ए मिल्लत ने क़ौमो मिल्लत के लिए दुआ की।
दो रोजा उर्से ताजुश्शरिया का सारा इन्तेजाम जमात रज़ा ए मुस्तफ़ा हेड आफिस व उसकी शाखाओं खासकर अलीगन्ज, बानखाना, धन्तिया, पूरनपुर, बिसलपुर, शाही, फतेहगंज, शेरगढ़, काधरपुर, मजनूपुर, मवाई, बाकरगंज, भगवनतापुर, करगैना, अटारिया, आवला, महेशपूरा, सिरोली, बहेड़, चन्दपुर आदि के ब्रांच सदरो ने हिस्सा लिया व लंगर का इन्तेजाम किया। इस मौके पर हेड ऑफिस ने सारी ब्रांचों का शुक्रिया अदा किया।
इस मौके पर डॉ मेहंदी हसन, इकराम रजा़, शमीम अहमद, मोइन खान, अब्दुल्लाह रज़ा खान, बख्तियार खान, दन्नी अन्सारी आदि लोग मौजूद रहे।