काजी-ए-हिंदुस्तान की खुसूसी दुआ के साथ दो रोजा उर्स-ए-ताजुश्शरिया का समापन

धार्मिक

बरेली जनमत। दरगाह आला हजरत परिसर में दरगाह ताजुश्शरिया और मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रज़ा में सुन्नी बरेलवी मसलक के बड़े मज़हबी रहनुमा हुज़ूर ताजुश्शरिया हज़रत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अख़्तर रज़ा खां (अजहरी मियां) का चौथा सालाना दो रोज़ा उर्स-ए-ताजुश्शरिय मनाया गया। दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन क़ाज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती और जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत व जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा के अलावा लोगो ने मस्जिदों, खानकाहों, अपने घरों, मोहोल्लो, दुकानो और गाँव में बड़ी शान-ओ-शौकत के साथ उर्स मनाया।
जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया मंगलवार को दरगाह ताजुश्शरिया पर फज्र की नमाज़ बाद कुरानख्वानी और नात-ओ-मनकबत की महफ़िल सजाई गई। सुबह 07 बजकर 10 मिंट पर हुज़ूर ताजुश्शरिया के वालिद-ए-गिरामी हुज़ूर मुफस्सिर-ए-आज़म हज़रत इब्राहीम रज़ा ख़ान (जिलानी मियां) के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इसके बाद दिन भर दरगाह आला हजरत और दरगाह ताजुश्शरिया पर मुरीदों व चाहने वालों की हाज़िरी व गुलपोशी का सिलसिला चलता रहा। उर्स के मुख्य कार्यक्रम का आग़ाज़ मदरसा जामियातुर रज़ा में दोपहर 2 बजे कारी फैजू नबी ने तिलावत-ए-कुरान से किया। नातख्वा रफीक रज़ा कादरी मुंबई, सय्यद कैफी, नईम रज़ा तहसीनी, मुस्ताफ़ा मुर्तज़ा अज़हरी और मुफ्ती फैसल नेनात-ओ-मनकबत का नज़राना पेश किया। इसके बाद उल्मा-ए-इकराम व मुफ्ती-ए-इकराम ने ताजुश्शरिया की ज़िंदगी पर रोशनी डाली। काज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी ने कहा नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों को हुकूमत जेल भेजे। एक के बाद एक गुस्ताखियों का सिलसिला अब नहीं होगा बर्दाश्त। नामूसे रिसालत के लिए पैरा देना हर एक सुन्नी मुसलमान की है। मौलाना आफताब कासिम साउथ अफ्रीका, मौलाना शम्स तबरेज रामपुरी, मुफ्ती शाहजाद, मौलाना अब्दुल मुस्तफा हाशमती, मुफ्ती शमशाद अहमद आदि ने तकरीर की। इसके बाद 07 बजकर 14 मिंट पर हुजूर ताजुश्शरिया हज़रत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अख़्तर खां (अजहरी मियां) अलैहिर्रहमा का कुल शरीफ मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रज़ा मे मनाया गया। फातिहा कारी शर्फुद्दीन ने शिज़रा मोहद्दिस-ए-कबीर जिया उर मुस्तफा ने पढ़ा। मुफ्ती असजद मियां ने देश में अमन-ओ-अमान के लिए और कानपुर के खुसूसी मुसलमानो के लिए दुआ की। अंत में सलातो सलाम के साथ ताजुश्शरिया के दो रोज़ा उर्स का समापन हुआ। उर्स की निजामत मौलाना गुलज़ार ने की।
इस मौके पर हुस्साम मियां, हुम्माम मियां, मुफ्ती आशिक हुसैन, बुरान मिया, मंसूब मिया, मौलाना अज़ीमुद्दीन, कारी काज़िम रज़ा, मौलाना अब्दुल कादिर, मौलाना शकील, कारी फैज़ू नबी, मौलाना शाहमत रज़ा, मौलाना शकील, मौलाना जाहिद रज़ा आदी मौजूद रहे।

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