बलिदान दिवस : राजीव गांधी जिनके कार्यकाल में देश ने देखी ‘कंप्यूटर क्रांति’- ओमकार  सिंह

राष्ट्रीय

बदायूँ जनमत। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 31वीं पुण्यतिथि को कांग्रेसियों ने बलिदान दिवस के रूप में मनाया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ओमकार सिंह के नेतृत्व में कैम्प कार्यालय पर पुण्यतिथि पर कांग्रेसियों ने अपने नेता को याद किया एवम गोष्ठी की गई। जिसके बाद जिला अस्पताल में मरीजों में फल वितरण किए गए। वहीं जिला अध्यक्ष ओमकार सिंह, शफी अहमद व एससीएसटी नेता मुनेंद्र कन्नौजिया सहित कांग्रेसियों ने रक्तदान किया। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने मानवता की मिसाल पेश कर 41वीं बार रक्तदान किया। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहा कि स्व.राजीव गांधी ने देश को एक नई दिशा दी थी। वह जननायक थे, जिन्होंने नागरिकों के बीच एक आशा का संचार किया था और भारत को विश्व के अग्रणी देशों में स्थापित किया था। उन्होंने कहा कि आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत उन्होंने की थी। पंचायती राज की स्थापना कर जमीनी स्तर पर लोगों तथा विशेषकर संस्थाओं को उन्होंने ही सशक्त बनाया था। आज पूरा देश विकट परिस्थिति से गुजर रहा है और भाजपा की सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर गरीबों की मदद नहीं की जा रही है, यह निंदनीय है। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष आतिफ खान, सुरेश सिंह राठौर, जिला कांग्रेस कमेटी महासचिव रामरतन पटेल, बाबू चौधरी ने कहा कि आज ही के दिन (21 मई को) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या कर दी गई थी. राजीव गांधी को देश में कई काम के लिए याद किया जाता है, लेकिन इनमें से एक खास है उनका कंप्यूटर के लिए काम करना. उन्हें देश में कंप्यूटर क्रांति का श्रेय दिया जाता है, क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ कंप्यूटर को भारतीय घर तक लाने का काम किया बल्कि भारत में इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी को आगे ले जाने में अहम रोल निभाया. राजीव गांधी के वक्त ही नेशनल इस अवसर पर शफी अहमद ने कहा स्व राजीव गांधी जी ने इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर की स्थापना भी हुई थी. देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल और वीएसएनल की शुरुआत उनके कार्यकाल के दौरान ही हुई तब कंप्यूटर्स महंगे होते थे, इसलिए सरकार ने कंप्यूटर को अपने कंट्रोल से हटाकर पूरी तरह ऐसेंबल किए हुए कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया जिसमें मदरबोर्ड और प्रोसेसर थे. यहीं से कंप्यूटर्स की कीमतें कम होनी शुरू हुई. क्योंकि इससे पहले तक कंप्यूटर्स सिर्फ चुनिंदा संस्थानों में इंस्टॉल किए गए थे. स्व राजीव जी के पीएम बनने से पहले ही 1970 में पहली बार भारत में डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स की शुरुआत हो गई थी जिसका मकसद पब्लिक सेक्टर में कंप्यूटर डिविजन की नींव रखना था. 1978 में IBM के अलावा दूसरी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने भारत में कंप्यूटर बनाना शुरू किया इस अवसर पर मुनेंद्र कन्नौजिया ने भी विचार व्यक्त किये एवम राजीव गांधी की जीवनी पर प्रकाश डाला गोष्ठी का संचालन मोरपाल प्रजापति ने किया इस अवसर पर विनय मिश्रा, शशांक राठौर, अज़हर हुसैन, हरीश कश्यप, कल्लू अंसारी, शामिर हुसैन, राज यादव, वीरेश सिंह, धर्मवीर सिंह आदि कांग्रेसजन मौजूद रहे।

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