नई दिल्ली जनमत। चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने आज इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की और इतिहास रच दिया।
इस सफलता के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है। चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगे। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान-3 के लैंडर और एमओएक्स के बीच संचार लिंक स्थापित: ISRO
चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के तुरंत बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि लैंडर और यहां स्थित अंतरिक्ष एजेंसी के मिशन संचालन परिसर (एमओएक्स) के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है। एमओएक्स इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में स्थित है। इसरो ने चंद्रमा की सतह पर उतरने के दौरान ‘लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे’ द्वारा ली गईं तस्वीरें भी जारी कीं।
वैज्ञानिक समुदाय की प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चंद्रयान-3 की सफल ‘लैंडिंग’ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की शानदार उपलब्धि करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह सफलता वैज्ञानिक समुदाय की प्रतिभा और कड़ी मेहतन का परिणाम है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आज की शानदार उपलब्धि के लिए टीम इसरो को बधाई। चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ हमारे वैज्ञानिक समुदाय की दशकों की जबरदस्त प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम है। 1962 के बाद से भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को छू रहा है और युवा सपने देखने वालों की पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है।”