बदायूॅं जनमत। डा सुमन अरोडा जो कि मूलतः बदायूं नगर की निवासी हैं, को कल शासन द्वारा राज्य शिक्षक पुरुस्कार में जनपद रामपुर से चयनित किया गया है। डा सुमन अरोडा मौहल्ला शेखपट्टी निवासी व्यवसायी सुंदर लाल अरोरा की पुत्री हैं। वे विख्यात कवि और शिक्षक डा उर्मिलेश शंखधार की शिष्या रहीं है और उन्हीं के निर्देशन में पी एचडी उपाधि प्राप्त की है। कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हो तो कोई भी मंजिल पा लेना मुश्किल नहीं होता है संसाधनों की कमी, चुनौतीपूर्ण माहौल, विपरीत परिस्थितियां कई बार प्रेरणा का कार्य भी करती हैं 2008 में विद्यालय में कार्यरत डॉ सुमन अरोड़ा ने जब दिसंबर 2020 में प्रधानाध्यापिका का पदभार ग्रहण किया उस समय विद्यालय की परिस्थितियां अनुकूल नहीं थी पर अपने दृढ़ निश्चय के बल पर धीरे-धीरे उनके सतत प्रयास आरंभ हुए और विद्यालय की तस्वीर बदलने लगी विद्यालय की साफ-सफाई कंपोजिट ग्रांट के द्वारा विद्यालय में पुस्तकालय कक्ष विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण करवाया पुस्तकालय में एक रीडिंग कॉर्नर बनवाया जहां पर विद्यालय के छात्र छात्रायें अध्ययन करते हैं। विद्यालय में स्मार्ट क्लास उनका एक सपना था आपने एक सामाजिक संस्था का सहयोग लेकर उनसे प्रोजेक्टर प्राप्त कर स्मार्ट क्लास आरंभ की पर वह यहीं नहीं रुकी उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी जी से मिलकर टायलीकरण और कायाकल्प का काम पूरे विद्यालय में कराया, सभी कक्षाओं में फर्नीचर, स्वच्छपेय जल हेतु
समर्सिबल की स्थापना भी कराई गई विद्यालय के छात्र-छात्राएं धीरे-धीरे रुचि लेकर प्रत्येक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगे चाहे खेल हो या सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता सभी में विद्यालय का नाम जिले में छाने लगा भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित भारत को जानो प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में विद्यालय की दो छात्राओं निशा अगर नीरज ने शहर रामपुर के 20 से अधिक कॉन्वेंट विद्यालय को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया और मंडल में तृतीय स्थान प्राप्त किया जिसकी शिक्षा के अधिकारियों ने प्रशंसा की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदया ने भी विद्यालय की छात्राओं को कार्यालय बुलाकर सम्मानित किया डॉ सुमन अरोरा भी अपने कार्यों के कारण समाज के विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित होती रही है आपको 5 सितंबर 2023 को जिला उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान भी प्रदान किया जा रहा है छात्र नामांकन भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है और अपने अथक प्रयासों से उन्होंने दूसरी कक्षा को भी स्मार्ट क्लास का रूप प्रदान कर दिया। अपने शैक्षिक स्टाफ की सहायता से वो अपने विद्यालय को निपुण बनाने की ओर कृतसंकल्प हैं। उनकी उपलब्धि पर बदायूं वासी हर्षित हैं और बधाई दे रहे हैं।
