बदायूॅं जनमत। विगत 24 सितंबर को थाना फैजगंज बेहटा की रात में एक बुजुर्ग की गोली मारकर हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। भतीजे ने सुपारी देकर ताऊ की हत्या कराई थी। ताऊ की जमीन हड़पने और विरोधियों को हत्या के मुकदमे में फंसाने के लिए हत्या कराई गई थी। पुलिस मामले का खुलासा करते हुए दोनों शूटरों समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि 25 सितंबर को फैजगंज बेहटा इलाके के किशनपुर गांव निवासी जितेंद्र यादव ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में बाबूराम, कपूरी सिंह व नन्हें के अलावा विनेश नामजद किए गए थे। सभी पर आरोप था कि जितेंद्र के ताऊ रक्षपाल की घर में घुसकर हत्या की गई है। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में पता लगा कि जिन लोगों को नामजद किया गया है। उन्होंने इस वारदात को अंजाम नहीं दिया।
आरोपियों को पुलिस ने थाने में बंद करके काफी पूछताछ भी की, लेकिन कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जो उन्हें कातिल ठहरा सके। जांच में सामने आया कि जितेंद्र ही पूरे मामले में संदिग्ध है। उसकी गतिविधियों की जांच हुई तो भानू प्रताप निवासी नगला नस्सू थाना बिलारी, मुरादाबाद का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने भानू को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ।
भानू ने पुलिस को बताया कि उसने 50 हजार रुपए बतौर सुपारी लेकर रक्षपाल की हत्या की थी। वारदात में उसके साथ अखिलेश निवासी गांव भारतल गदारपुर थाना हजरतनगर गढ़ी, संभल भी था। वारदात को अंजाम देने के लिए मुकदमे के वादी जितेंद्र निवासी गांव किशनपुर थाना फैजगंज बेहटा समेत सुखपाल उर्फ नन्हुका व गांव के ही महेंद्र और रामनिवास ने यह रकम मुहैया कराई थी और साजिश रची थी। घटना वाली रात वह अखिलेश के साथ आया और बुजुर्ग की गोली मारकर हत्या के बाद दोनों भाग गए। हत्या में प्रयुक्त तमंचा और कारतूस गांव में ही छिपा दिए थे। पुलिस ने तमंचा बरामद कर लिया औऱ सुखपाल, महेंद्र, रामनिवास को भी गिरफ्तार कर लिया। अखिलेश समेत बाकी के आरोपी फिलहाल हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।