नई दिल्ली जनमत। बिलकिस बानो ने कहा कि उनके परिवार की हत्या करने और उनके साथ सामूहिक बलात्कार करने के लिए जिम्मेदार 11 लोग जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे। आज उनके लिए वास्तव में नया साल है। अपने वकील शोभा गुप्ता के माध्यम से जारी एक बयान में बिलकिस ने कहा, “मैं राहत के आंसू रोई हूं। मैं डेढ़ साल से अधिक समय में पहली बार मुस्कुराई हूं। मैंने अपने बच्चों को गले लगाया है। ऐसा लगता है जैसे पहाड़ के आकार का पत्थर मेरे सीने से हटा दिया गया है और मैं फिर से सांस ले सकती हूं।”
उन्होंने कहा, “न्याय ऐसा ही लगता है मुझे, मेरे बच्चों और हर जगह की महिलाओं को, सभी के लिए समान न्याय के वादे में ये पुष्टि और आशा देने के लिए मैं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय को धन्यवाद देती हूं.”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को सोमवार को रद्द कर दिया और दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल भेजने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि सजा में छूट का गुजरात सरकार का आदेश बिना सोचे समझे पारित किया गया और पूछा कि क्या ‘‘महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध के मामलों में सजा में छूट की अनुमति है”, चाहे वह महिला किसी भी धर्म या पंथ को मानती हो। घटना के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की थीं और पांच माह की गर्भवती थीं। बानो से गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद 2002 में भड़के दंगों के दौरान दुष्कर्म किया गया था। दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी। गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को सजा में छूट दे दी थी और उन्हें रिहा कर दिया था।