पद्मभूषण उस्ताद राशिद हुसैन बदायूं में हुए सुपुर्द-ए-खाक, कोलकाता में हुआ था निधन

राष्ट्रीय

बदायूॅं जनमत। सहसवान-रामपुर घराने के शास्त्रीय गायक बदायूं के मूल निवासी उस्ताद राशिद खान का मंगलवार को कोलकाता में निधन हो गया था। वह काफी समय से प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे। उनके शव को बदायूं लाकर बृहस्पतिवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस मौके पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
राशिद खां करीब 40 साल पहले कोलकता में जाकर बस गए थे। वह मूल रूप से बदायूं के कबूलपुरा के निवासी थे। यहां उनका पैतृक आवास है और यहीं उनका जन्म हुआ। राशिद खान के नाना सहसवान रामपुर घराने के पद्मभूषण उस्ताद निसार हुसैन खान थे। इन्हीं से उन्होंने छह साल की उम्र में संगीत की शिक्षा ली। करीब 10 साल की उम्र में ही वह उस्ताद निसार खान के साथ कोलकाता चले गए थे और वहीं आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में संगीत की तालीम ली। राशिद खान की गिनती देश के प्रतिष्ठित गायकों के रूप में की जाती है। उन्हें साल 2006 में पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है। साल 2022 में उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनका शव बदायूं आया। यहां सभी ने उनका दीदार किया। इसके बाद दोपहर में छोटे सरकार की जियारत के पास स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस मौके पर पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव गुप्ता आदि राजनेताओं समेत रामपुर सहसवान घराने के कई गायक मौजूद रहे।       

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