बदायूॅं जनमत। शहर के एक निजी स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने नाबालिग छात्रा का यौन शौषण किया था। जिसका दोष सिद्ध होने पर आज कोर्ट ने उसे सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
शहर के मोहल्ला लोटनपुरा निवासी रमेश पुत्र प्यारे शहर के एक प्रसिद्ध स्कूल में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत था। वर्ष 2017 में उसने स्कूल की एक नाबालिग छात्रा का यौन शौषण किया था। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावक को गुमराह किया गया था। स्कूल की तत्कालीन प्रिंसिपल के भी कोर्ट में बयान दर्ज हुए थे।
आज मंगलवार को विशेष सत्र न्यायाधीश (पाक्सो अधिनियम) अपर सत्र न्यायाधीश दीपक यादव ने सजा सुनाई है। उन्होंने धारा 354 में दोष सिद्ध होने पर तीन वर्ष का कारावास और पांच हजार का जुर्माना, धारा 506 में तीन वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपये का जुर्माना, धारा 9 (f) (L)/10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम में दोष सिद्ध होने पर सात वर्ष का कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।