बदायूॅं जनमत। बौद्धिसत्व बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटन स्थल संरक्षण मंडल के तत्वावधान में छठे दिन भी मालवीय आवास गृह पर धरना जारी रहा। हजारों की संख्या में बुद्धिस्ट धरने में पहुंचे और भिक्षुसंघ को सम्मान सहित बुद्ध बिहार मझिया में प्रवेश कराए जाने, पर्यटन स्थल को सरकारी अभिलेखों में दर्ज कराए जाने, 7 दिसंबर को भिक्षुओं के साथ घटित घटना और तथागत बुद्ध की प्रतिमा को खंडित करने वाले दोषियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की गई।
धरना स्थल पर बौद्ध भिक्षु सुमित रतन भिक्षु संघ के साथ पहुंचे संकिसा की धरती से सुरेश बौद्ध के साथ दर्जनों बौद्ध उपासक धरना स्थल पर पहुंचे हैं। बौद्ध भिक्षु सुमित रतन ने कहा कि प्रशासन को पांच दिन का समय है, पांच दिन के अंदर सम्मान सहित बौद्ध भिक्षुओं को माझिया पहुंचाया जाए अन्यथा की स्थिति में 21 दिसंबर को मैं हजारों बुद्धिस्टों के साथ धरना स्थल से सीधे माझिया के लिए कुच करुंगा। जिसमें किसी भी प्रकार की होने वाली क्षतिपूर्ति की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। पूरे देश में बुद्धिस्ट विरासत के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं बौद्ध महा उपासक डॉ क्रांति कुमार ने कहा कि बुद्धिस्ट शांतिप्रिय होते हैं। हम लोग संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन को सा सम्मान बौद्ध भिक्षुओं को माझिया पहुंचना चाहिए।
कार्यक्रम में फर्रुखाबाद से आए डॉ नवल किशोर शाक्य, आगम मौर्य बरेली, रामेश्वर शाक्य, आरपी त्यागी जिला अध्यक्ष बसपा, जयपाल सिंह, रवि मौर्य, सूरज शाक्य एडवोकेट, आरपी मौर्य, चरन सिंह यादव आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर रामेश्वर शाक्य, डा. क्रांति कुमार महाउपासक, चिरंजी लाल एडवोकेट, प्रेमपाल ठाकुर धीरेंद्र कुमार सिंह, सुनील कुमार, जय सिंह, आनंद भारती एडवोकेट, अरुण कुमार, डा.सतीश, इंजीनियर हर्षवर्धन, हरिओम सैनी, अरविंद कुमार, वीरेन्द्र जाटव, नंदराम शाक्य, राधेलाल बौद्ध, सविता, डॉ अजीत बाबू, मृदुलेश यादव, रामलाल मौर्य अंबेडकर, मधु बौद्ध, चरन सिंह, रवि मौर्या, मुकेश मौर्य आदि मौजूद रहे।