बदायूॅं जनमत। नमाज पढ़ने को लेकर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। एक पक्ष ने आरोप लगाया कि दूसरे समुदाय के लोगों ने खाली मकान में पहले मदरसा बनाया, फिर उसे धर्मस्थल का रूप दे दिया। इसमें नमाज अदा करने लगे। इसका विरोध करते हुए गांव के लोगों ने बृहस्पतिवार को हंगामा कर दिया। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते गांव में तनाव फैल गया। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों समुदायों के लोगों को कोतवाली बुला लिया। यहां पर एसडीएम, सीओ और तहसील भी पहुंच गए। तय हुआ की गांव में नमाज अदा नहीं की जाएगी। मदरसा चलाने पर भी रोक लगा दी गई है।
कोतवाली बिसौली क्षेत्र के गांव नागपुर में दूसरे समुदाय का धर्मस्थल नहीं है। गांव में एक मकान खाली है। इसमें कुछ माह पहले मदरसा बना दिया गया। यहां पर बच्चों को तालीम दी जाने लगी। आरोप है कि मदरसे के बाद उसी भवन को धर्मस्थल का रूप दे दिया गया। सामूहिक रूप से नमाज अदा की जाने लगी, जिसका दूसरे पक्ष के लोगों ने विरोध करना तो पहले से ही शुरू कर दिया था, लेकिन मामले ने तूल बृहस्पतिवार को दोपहर पकड़ा। बृहस्पतिवार दोपहर कुछ लोग नमाज अदा करने के लिए मकान की तरफ चले तो गांव के लोगों ने इसका विरोध करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। इससे गांव में तनाव फैल गया। दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया। इसके बाद दोनों समुदाय के लोगों को बिसौली कोतवाली बुला लिया। जानकारी के बाद एसडीएम राशी कृष्णा, सीओ सुनील कुमार, तहसीलदार विजय शुक्ला भी पहुंच गए।
अधिकारियों ने दोनों समुदायों के लोगों की बात सुनने के बाद तय किया कि गांव में कोई भी सामूहिक रूप से नमाज अदा नहीं करेगा। न ही घर में मदरसा चलेगा। मदरसा चलाने के लिए अनुमति ले। अगर किसी ने सामूहिक रूप से नमाज अदा करने की कोशिश की तो कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद दोनों समुदायों के लोगों को पुलिस ने गांव में भेज दिया।