बदायूॅं जनमत। पंजाब के अमृतसर में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित किए जाने के विरोध में बौद्ध माह उपासक एवं वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. क्रांति कुमार अपने साथियों के साथ शहर के अंबेडकर पार्क में एक दिवसीय अनशन पर बैठे।
उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में बहुजन महापुरुषों के अपमान की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के खिलाफ भी आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। बाबा साहब ऐसे महापुरुष हैं जिन्होंने देश के दबे कुचले लोगों को अधिकारों के बारे में बताया। देश को बराबरी, समता और बंधुत्व के रास्ते पर चलने की बात की। ऐसे महापुरुष की प्रतिमा के साथ ऐसी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटनाएं देश में बढ़ रही नफरत की राजनीति का ही नतीजा हैं। समाज में सहिष्णुता लगातार काम हो रही है। राजनीतिक संरक्षण में अपराधी और अराजक प्रवृति के लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बौद्ध मठों, अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों, महापुरुषों की मूर्तियों पर हमले हो रहे हैं। डा क्रांति कुमार अनशन पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैठे।
अनशन के दौरान इनका मिला समर्थन…
अनशन के दौरान समर्थन देने वालों में अधिवक्ता संघ से अवधेश गौतम एडवोकेट, पवन गौतम एडवोकेट, भीम आर्मी से प्रताप सिंह एडवोकेट, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से डा सतीश, बसपा जिला अध्यक्ष रक्षपाल सिंह निमेष, जनहित सत्याग्रह मोर्चा से चरन सिंह यादव, शर्मिला रानी, विधानसभा अध्यक्ष शेखूपुर संजय सागर, बाबूजी बृजपाल सिंह, सविता अंबेडकर, एससी एसटी शिक्षक संघ के हरीश दिनकर, भारतीय बौद्ध महासभा के राधेलाल बौद्ध, अधिवक्ता चिरंजी लाल, आरपी त्यागी, राजीव कुमार, मधुबाला, विनोद कुमारी, फूलबानों, संजीदा, सूरजपाल, अनूप सिंह आदि शामिल रहे।
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा…
शाम करीब चार बजे राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। अंत में पांच बजे उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के प्रत्याशी एड गुरदयाल भारती ने जूस पिलाकर अनशन को तुड़वाया। डा. क्रांति कुमार ने कहा अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दोबारा संघर्ष किया जाएगा।