चीन में फैल रहा जानलेवा hMPV वायरस; बच्चों के लिए खतरनाक, भारत ने जारी की गाइडलाइन

अंतर्राष्ट्रीय

नई दिल्ली जनमत। पड़ोसी देश चीन में फैल रहे जानलेवा ह्यूमन मेटानिमोवायरस (hMPV) से एक बार फिर कोरोना काल की यादें ताजा हो गई हैं। लोगों को डर है कि कहीं ये भी वैश्विक महामारी कोविड-19 की तरह बड़ा रूप धारण न कर ले। यही वजह है कि भारत में भी इस वायरस पर पैनी नजर रखी जा रही है। भारत सरकार ने इसे लेकर कहा कि देश इस वायरस निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि इस वायरस से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, तेलंगाना सरकार ने भी इस वायरस को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि, राज्य में अब तक इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। तेलंगाना हेल्थ मिनिस्ट्री (स्वास्थ्य विभाग) ने साफ किया कि चीन से आ रही ह्यूमन मेटानिमोवायरस की खबरों को लेकर राज्य में सतर्कता से नजर रखी जा रही है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर स्थिति की निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और सावधानियों का पालन करें।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन…

• खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिश्यू से कवर करें।
• अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोएं या फिर सैनिटाइजर का यूज करें।
• भीड़भाड़ वाली जगहों में जानें से बचें।
• बुखार से पीड़ित लोगों से दूरी बनाएं।
• बुखार, खांसी या छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
• पर्याप्त पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।
• सभी स्थानों पर पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
• बीमार होने पर घर पर रहें और दूसरों के संपर्क को सीमित करें।
• कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लें।

क्या बोला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय…??

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में hMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के फैलने की आशंका के चलते फैले तनाव के बीच लोगों से शांत रहने का आग्रह किया। इसके साथ ही सरकार ने आश्वासन दिया कि भारत सांस से संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और चीन में भी स्थिति सामान्य है। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के डीजीएचएस और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के निदेशक ने इसे लेकर बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने कहा कि Metapneumovirus (hMPV) एक सामान्य श्वसन संक्रमण वायरस है, जो सर्दियों के मौसम में सर्दी और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। यह विशेषकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है।     

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