बदायूॅं जनमत। शहर के मोहल्ला नई सराय निवासी गुलफाम ने एक जनवरी को एसएसपी दफ्तर में पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश की गई थी। आज रविवार को इलाज के दौरान उसने बरेली के राममूर्ति अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मृतक गुलफाम ने आत्मदाह के प्रयास के बाद जिला अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी आप बीती का वीडियो जारी किया था। जिसमें उसने अपने साथ न्याय ना होने के कारण आत्मदाह की वजह बताई थी। दरअसल गुलफाम एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था, इसलिए थाना कोतवाली में उसकी सुनवाई नहीं हो सकी। आत्महत्या की कोशिश में गुलफाम लगभग 70 प्रतिशत जल गया था। जिस कारण उसके बचने की उम्मीद कम थी। बरेली के राममूर्ति अस्पताल में उसका 12 दिन इलाज चला। आत्मदाह के प्रयास के बाद पुलिस प्रशासन ने प्रथम दृष्टया सदर कोतवाली की गलती मानकर कोतवाल को निलंबित किया गया। साथ ही सीओ सीटी का ट्रांसफर करते हुए गुलफाम की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज की गई।
वहीं 08 जनवरी को समाजवादी पार्टी हाईकमान के निर्देश पर एक प्रतिनिधिमंडल गुलफाम को देखने बरेली राममूर्ति अस्पताल गया था। जिसकी रिपोर्ट में गुलफाम की हालत गंम्भीर बताई थी। प्रतिनिधिमंडल की रिर्पोट पर पूर्व मंत्री आबिद रज़ा गुलफाम का हाल जानने अस्पताल पहुंचे थे।
गुलफाम की मौत के बाद पूर्व मंत्री आबिद रज़ा गुलफाम के घर पहुंचे और सुपुर्द-ए-खाक होने तक साथ रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब मैंने गुलफाम की मां से मुलाकात की तब उसने एसएसपी की तारीफ की और कहा एसएसपी साहब उसकी पूरी मदद कर उसका इलाज करा रहे हैं। थाना कोतवाली पुलिस से उसकी शिकायत थी, उसकी माँ ने यह बताया यदि कोतवाली की पुलिस गुलफाम की बात सुन लेती तो शायद गुलफाम आत्मदाह नहीं करता।
पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने एसएसपी से मीडिया के माध्यम से कहा जिन लोगों ने गुलफाम को आत्मदाह के लिए मजबूर किया, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। एसएसपी से यह भी आग्रह किया कि आप जिले के सभी थाना अध्यक्षों को यह निर्देश दें कि गरीब मजलूमों पर जो जुल्म की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए, ताकि जिले में गुलफाम जैसे प्रकरण दुबारा ना हो। गुलफाम के आत्मदाह के प्रकरण पर न्याय के लिये में पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। वरिष्ठ अधिवक्ताओं से बात करके थाने से लेकर अदालत तक गुलफाम को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद करुंगा।