अहमदाबाद जनमत। गुजरात में हुए एक दर्दनाक विमान हादसे में जहां सभी यात्रियों की मौत हो गई, वहीं एक व्यक्ति की जान बचना किसी चमत्कार से कम नहीं था। इस हादसे में बचे इकलौते यात्री का नाम विश्वास कुमार रमेश (39) है जो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं। वे लंदन में रहते हैं और कुछ दिनों के लिए भारत आए थे। अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर ज्ञानेंद्र सिंह मलिक ने पुष्टि की कि सीट नंबर 11A पर बैठे एक पुरुष यात्री इस दुर्घटना में जीवित बचे। राज्य सरकार के सूत्रों ने भी कहा कि फिलहाल एक ही व्यक्ति के बचने की जानकारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस बात की पुष्टि की और बताया कि उन्होंने अस्पताल में विश्वास से मुलाकात की। हादसे की भयावहता को याद करते हुए विश्वास ने बताया कि टेक-ऑफ के 30 सेकंड बाद जोरदार आवाज हुई और फिर विमान क्रैश हो गया। विश्वास ने बताया, “सबकुछ बहुत तेजी से हुआ. जब मैं होश में आया तो चारों तरफ लाशें थीं। मैं डर गया था, फिर मैं खड़ा हुआ और भागा। विमान के टुकड़े चारों ओर बिखरे थे। किसी ने मुझे उठाया और एम्बुलेंस में डालकर अस्पताल पहुंचाया.”
रिपोर्ट के अनुसार विश्वास रमेश पिछले 20 सालों से लंदन में रह रहे हैं। उनकी पत्नी और बच्चा भी वहीं रहते हैं। वे भारत में अपने परिवार से मिलने आए थे और अपने बड़े भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ यूके लौट रहे थे। दोनों ने दीव घूमने का प्लान बनाया था और अजय विमान में अलग सीट पर बैठे थे। हादसे के बाद विश्वास ने कहा, “मैं अपने भाई को ढूंढ़ नहीं पा रहा हूं.” एक डॉक्टर ने बताया कि विमान हादसे के बाद विश्वास विमान से बाहर गिरा और मलबे के पास से खुद चलकर एम्बुलेंस तक पहुंचे, डॉक्टर धवल गमेती ने बताया कि विश्वास को कई जगह चोटें आई हैं, लेकिन उनकी जान को अब खतरा नहीं है।
विश्वास ने किया रिश्तेदारों को कॉल…
एक और मेडिकल स्टाफ के अनुसार, विश्वास ने बताया कि जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, वह नीचे गिरने लगा और फिर दो टुकड़ों में टूट गया। इस दौरान वह बाहर गिरा और फिर तेज धमाका हुआ। हादसे के बाद विश्वास ने ब्रिटेन के लीसेस्टर में अपने रिश्तेदारों को कॉल किया। उनके कजिन अजय वलगी ने बीबीसी को बताया कि विश्वास ने बस यही कहा कि वह ठीक हैं। वहीं उनके भाई नयन कुमार रमेश ने स्काई न्यूज को बताया कि विश्वास ने हादसे के कुछ ही पलों बाद अपने पिता को वीडियो कॉल कर कहा, “प्लेन क्रैश हो गया है। मुझे नहीं पता मेरा भाई कहां है। मैं किसी अन्य यात्री को नहीं देख पा रहा हूं। समझ नहीं आ रहा मैं कैसे जिंदा हूं.”।