बदायूँ जनमत। सपा के रहनुमा, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व पूर्व रक्षा मंत्री भारत सरकार मुलायम सिंह यादव के निधन से बहुत दुख हुआ है। पिछड़ों, कमजोरो और अल्पसंख्यकों ने अपना एक सच्चा हमदर्द खो दिया है। वह एक बेबाक समाजवादी रहनुमा थे। उनके पास निर्णय लेने की क्षमता थी वह जनता की समस्याओं को हल करने में विश्वास करते थे, नरम दल के नेता थे। उन्होंने ऐसे लोग जो बहुत कमजोर थे उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया। ऐसे हजारों लोग हैं जिन्हें ज़र्रे से आफताब बना दिया। वह हिंदू मुस्लिम एकता के पक्षधर भी थे और प्रतीक भी। वह धर्मनिरपेक्षता में अटूट विश्वास रखते थे और जीवन भर उसकी रक्षा के लिए सियासी नुकसान, फायदे की परवाह किए बगैर लड़ते रहे।
उक्त विचार समाजवादी अल्पसंख्यक सभा के पूर्व अध्यक्ष व पूर्वमंत्री मौलाना डॉ यासीन उस्मानी ने प्रेसवार्ता के दौरान रखे। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव के जाने से समाजवादी विचारधारा, धर्मनिरपेक्ष विचारधारा का बड़ा नुकसान हुआ है। जीवन भर उन्होंने देश और समाज की बेहतरी के लिए जो संघर्ष किया उसे हमेशा याद रखा जाएगा। उन्हें बदायूं और बदायूं वासियों से बहुत लगाव और प्रेम था। मैं कुछ दिन पहले उनसे मिलने गया तो उन्होंने बीमारी की हालत में भी कई बार बदायूं को याद किया।
मैं इस ग़म की घड़ी में अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, सपा और नेताजी के समस्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
