बदायूँ जनमत। शहर की दरगाह सागरताल पर हर साल की तरह इस साल भी हुज़ूर हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद निज़ामुद्दीन औलिया महबूबे इलाही रहमतुल्लाह अलेह की सत्तरवीं शरीफ बड़े अदब ओ एहतराम के साथ मनाई गई।
आपको बता दें कि हुज़ूर हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद निज़ामुद्दीन औलिया महबूबे इलाही रहमतुल्लाह अलेह हुज़ूर हज़रत ख्वाजा सैयद अहमद बुखारी मशहदी रहमतुल्लाह अलेह (दरगाह सागरताल) के बेटे हैं। आपकी पैदाइश भी बदायूं की सर जमीन पर हुई। यह बदायूं वासियों के लिए बड़े फक्र की बात है।
इस मोके पर दरगाह सागरताल के सज्जादनाशीन क़िबला सैय्यद मेहंदी हसन निज़ामी और उनके दोनों फ़रज़ंद डॉक्टर सैय्यद मोहम्मद दय्यान हसन निज़ामी व एडवोकेट मोहम्मद दनियाल निज़ामी के अलावा दीगर अकीदतमंद मौजूद रहे। सैय्यद मेहंदी हसन निज़ामी ने मुल्क और दुनिया में सुकून एवं मोहब्बत की दुआ की। इस मौके पर सज्जादनाशीन सैय्यद मेहंदी हसन निज़ामी की तरफ़ से लंगर का भी एहतिमाम रहा।