बदायूँ जनमत। रमज़ानपुर स्थित हज़रत गूंगे शाह के सालाना उर्स व मेले में शानो शौकत के साथ माघ माह के प्रथम इतवार क़ो ठिलिया (गागर) उठी। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड में वक़्फ़ नं• 286 में दर्ज हज़रत गूंगे शाह साहब दरगाह की जानिब से प्रति वर्ष मेला, उर्स, नखासा, नुमाइश का आयोजन किया जाता है। इस बार भी 4 जनवरी 2023 से 15 फरवरी 2023 तक आयोजित हो रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े मेलों में शुमार रमज़ानपुर का मेला धार्मिक एकता और सदभाव का प्रतीक है। नुमाइश में लगने वाली मीना बाज़ार, लकड़ी का सामान, दरी, कालीन और घुड़दौड़ शोभा बढ़ाते हैं। दरगाह के लिए शेखों ने 264 बीघा ज़मीन वक़्फ़ की जहां मेला लगा हुआ है। वर्षो से मेले की रिवायत, परम्परा के मुताबिक इतवार क़ो ठिलिया (गागर) दरगाह से उठकर पुलिस प्रशासन के हमराह कव्वालों की पार्टी के साथ दरोगा हबीब अहमद, जज तुफ़ैल अहमद के चौराहा स्थित आवास पर पहुंची जहाँ खानदान के ही मेला कमेटी के साबिक़ अध्यक्ष सलमान ज़मीर अहमद उर्फ़ चाँद मियाँ ने सज्जादानशीन छोटे मियां का इस्तक़बाल किया और हार फूल सहित थाल चादर भेजी।
ठिलिया (गागर) के प्रोग्राम रस्म में रमज़ानपुर सहित दीगर गांव के हजारों लोगों ने भी शिरकत की।
इस मौके पर पुलिस हल्का इंचार्ज अनूप सिंह मौजूद रहे। प्रचलित है कि हज़रत गूंगे शाह दरगाह पर आने वाले श्रद्धालु व ज़ायरीन की मुरादे पूरी होती हैं और दरगाह पर धूनी (अग्नि) बरसों बरस से बुझी नहीं है।