प्राइवेट पार्ट काटकर युवक को कब्रिस्तान में फेंक गए किन्नर, रास्ते में बिस्किट खिलाकर किया था बेहोश

अपराध

बदायूँ जनमत। एक युवक का प्राइवेट पार्ट काटकर किन्नरों ने उसे कब्रिस्तान में फेंक दिया। परिजनों को शनिवार देर रात युवक बेहोशी की हालत में मिला तो उसे रविवार सुबह जिला अस्पताल लेकर आए। यहां से उसे थाने लेकर गए हैं ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।
कस्बा उसहैत में रहने वाला एक युवक पिछले कुछ साल से थाना सिविल लाइन क्षेत्र के एक गांव में अपनी नानी के घर रहता है। वह जागरण पार्टी में झांकी बनाने का काम करता है। युवक ने बताया 4 जनवरी की रात वह टेंपो से अपने घर जा रहा था। रास्ते में ककराला के पास टेंपो खराब हो गया था। युवक ने बताया कि उसी वक्त वहां दो किन्नर आ गए। दोनों अलापुर थाना क्षेत्र के ककराला कस्बा के रहने वाले हैं। किन्नरों से युवक की पहले की पहचान थी। आरोप है कि किन्नरों ने उसको बिस्किट खिलाया। इसके बाद युवक बेहोश हो गया। जब उसे होश आया तो वह शनिवार रात कब्रिस्तान में पड़ा था। उसका प्राइवेट पार्ट भी नदारद था और वहां टांके लगे हुए थे।
पीड़ित ने बताया कि किन्नर उसका मोबाइल और जेब में रखे दो हजार रुपये भी ले गए हैं। युवक दो भाई हैं जिनमें वह बड़ा है। पिता कस्बा में ही बूट पॉलिश करते हैं। जबकि मां घरेलू कामों में व्यस्त रहती है। छोटा भाई तकरीबन 12 साल का है और सरकारी स्कूल में सातवीं का छात्र है। पूरे परिवार की रोजी रोटी यही युवक कमाता और चलाता है। इसके लिए वह जागरण कंपनी में कभी दुर्गा तो कभी राधा बनता रहा है।
जिला अस्पताल से युवक को थाने ले जाने के लिए कहा गया तो परिवार के लोग काफी देर तक अस्पताल में ही छोड़कर वाहन की तलाश में यहां वहां भटकते रहे। निजी एंबुलेंस मिली भी तो उसने थाने तक आने और जाने के 1500 रुपए मांगे। जबकि आने और जाने की कुल दूरी तकरीबन 26 से 30 किलोमीटर के बीच की है। ऐसे में परिजन काफी देर तक वाहन चालको से बहस करते रहे और अंत में 700 में एक कार चालक तैयार हुआ, जिसके जरिए परिवार के लोग उसे वहां ले गए। इसकी वजह थी कि परिजनों के पास इतने रुपए नहीं थे कि युवक को थाने ले जाकर वहां से विधिक प्रक्रिया चिट्ठी के साथ वापस अस्पताल लाया जा सके।


जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ पंकज अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल वह इस मामले को लेकर कुछ भी बयान नहीं दे सकते। क्योंकि यह पुलिस केस है और परिवार के लोग युवक को बिना थाने की चिट्ठी के यहां ले आए। ऐसे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह भी स्पष्ट किया कि युवक का प्राइवेट पार्ट नहीं है। उस जगह टांके लगे हुए हैं लेकिन कैमरे के आगे कुछ भी खुलकर बोलने से उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया।

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