बदायूँ जनमत। उत्तर प्रदेश में पुलिस राज चल रहा है। श्रीपाल यादव की मौत ने सूबे की कानून व्यवस्था के सरकारी दावों पोल खोल दी है। यूपी डेमोक्रेटिक फोरम मृतक श्रीपाल को न्याय दिलाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेगा।
उक्त बातें यूपी डेमोक्रेटिक फोरम के प्रदेश कोऑर्डिनेटर अजीत सिंह यादव ने कहीं, वे पुलिस उत्पीड़न के शिकार मृतक श्रीपाल के अंतिम संस्कार में शामिल होने आज सुकर्रा घाट पर पहुंचे थे। उन्होंने श्रीपाल के भाइयों वीरपाल व अनेगपाल एवं पिता श्योराज यादव से बात कर यूपी डेमोक्रेटिक फोरम की ओर से सहयोग का वादा किया। यूपी डेमोक्रेटिक फोरम की टीम ने मृतक श्रीपाल के गांव नसूपुर फीरोजपुर उर्फ केशों की मड़ैया का भी दौरा किया। उनकी मां ईश्वरवती और चारों बेटियों से बात कर दुःख साझा किया।
श्री यादव ने बताया कि श्रीपाल के परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर बड़े सवाल उठाये हैं। श्रीपाल के भाई अनेगपाल को सहसवान कोतवाली में गैरकानूनी हिरासत में रखने, एफआईआर दर्ज न होने और परिजनों के उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप पुलिस प्रशासन पर लगाए हैं। परिजनों ने उत्पीड़न में भाजपा नेता पर भी आरोप लगाए हैं। विगत 6 फरवरी को आत्मदाह के प्रयास में जलने के बाद विभिन्न अस्पतालों में श्रीपाल का इलाज कराने को परिजनों ने जमीन गिरवीं रख दी। यहां तक कि श्रीपाल की गाड़ी भी गिरवीं रख दी। शासन -प्रशासन ने श्रीपाल के इलाज में कोई सहयोग नहीं किया। जो सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता को दिखाता है।
श्री यादव ने कहा कि श्रीपाल को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा दिलाने को यूपी डेमोक्रेटिक फोरम मामले की न्यायिक जांच करने की मांग करता है। फोरम मृतक श्रीपाल की चारों बेटियों के भविष्य की सुरक्षा और इलाज पर हुए खर्च के लिए एक करोड़ रुपया मुआवजे की मांग करता है। यूपी डेमोक्रेटिक फोरम की टीम में अजीत सिंह यादव के साथ प्रकाश यादव, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सतीश कुमार, किशनपाल आदि शामिल रहे।