बदायूँ जनमत। बदायूं की शम्सी जामा मस्जिद के मुकदमे में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान इंतजामिया कमेटी के वकील ने जामा मस्जिद के निरीक्षण कराने की मांग पत्र को लेकर अपना एतराज दाखिल किया। इंतजामिया कमेटी के वकील का कहना है कि यह मुकदमा सुनवाई के योग्य ही नहीं है, निरीक्षण तो बाद की प्रक्रिया है। इसका जवाब दाखिल करने के लिए हिंदू महासभा को समय दिया गया है। अब इस केस की सुनवाई 14 मार्च को होगी।
सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में विचाराधीन भगवान श्री नीलकंठ महादेव बनाम इंतजामिया कमेटी जामा मस्जिद के मुकदमे की मंगलवार दोपहर करीब दो बजे सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायालय में हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल, वकील वेदप्रकाश साहू, विवेक रैंडर, ब्रजपाल सिंह, अर्पित श्रीवास्तव और नंदकिशोर गुप्ता मौजूद थे जबकि इंतजामिया कमेटी के वकील मोहम्मद असरार अहमद आए थे। पिछली तारीख पर हिंदू महासभा की ओर से जामा मस्जिद का निरीक्षण कराने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि जामा मस्जिद में अभी भी नीलकंठ ईशान मंदिर और राजा महीपाल का किला होने के साक्ष्य मौजूद हैं। इस पर आपत्ति दाखिल करने के लिए इंतजामिया कमेटी को समय दिया गया था। इस क्रम में मंगलवार को इंतजामिया कमेटी ने आपत्ति दाखिल की। इस दौरान वकील मोहम्मद असरार अहमद ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से भी मुकदमे में आपत्ति दाखिल की। अभी तक वक्फ बोर्ड न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ था लेकिन मंगलवार को वक्फ बोर्ड भी पक्षकार बन गया।
दोनों से आई आपत्तियों पर जवाब दाखिल करने के लिए न्यायाधीश ने हिंदू महासभा को समय दिया है। इसके लिए न्यायालय की ओर से 14 मार्च तारीख दे दी गई है। आज सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा ने भी अपनी ओर से वाद पत्र में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।