बदायूॅं जनमत। उझानी स्थित मैंथा फैक्ट्री में हुए अग्निकांड के 15वें दिन मलबे के नीचे पिघला हुआ लोहा और कुछ हड्डीनुमा अवशेष मिले हैं। इधर, लापता मजदूर मुनेंद्र यादव के परिजनों का दावा है कि अवशेष मुनेंद्र के हैं। पुलिस ने अवशेष कब्जे में ले लिए हैं। इन्हें फोरेंसिक लैब टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा। फोरेंसिक टीम ने फिलहाल अवशेष कब्जे में ले लिए हैं। वहां से जली हुई घड़ी और मोबाइल सेट भी मिला है।
फैक्ट्री में आग 38 घंटे बाद काबू आई थी। जबकि इसके बाद से मलबा हटाने का काम चल रहा था। इस बीच मैंथा के सुरक्षित ड्राम भी मिले, जिन्हें फैक्ट्री मालिक ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचवा दिया। जबकि यहां काम करने वाला एक मजदूर मुनेंद्र निवासी गांव बिचौला टप्पा जामिनी थाना मुजरिया लापता हो गया था। मुनेंद्र के परिजन लगातार यह कह रहे थे कि वो आग में जिंदा जल गया था। हालांकि प्रशासन इस तथ्य को लगातार नकार रहा था। वजह थी कि इस तथ्य को स्वीकारने के लिए शव मिलना जरूरी था। परिवार वाले इस बीच लगातार मलबा हटवाने और लाश बरामदगी को लेकर सिस्टम पर दबाव बनाए हुए थे। डीएम आफिस पर प्रदर्शन भी किया गया था। इस सबके बीच फैक्ट्री मालिक मनोज गोयल पर भी यही आरोप लग रहे थे कि मलबा हटवाने में जानबूझकर देरी की जा रही है। वहीं गाजियाबाद से एक्सपर्ट्स की टीम भी बुलवाई गई थी, ताकि मलबा सुरक्षित ढंग से हट सके लेकिन वो टीम भी वापस चली गई। टीम का कहना था कि उन्हें तयशुदा पेमेंट नहीं मिल रहा है। जबकि इसके बाद बदायूं और कासगंज के लोकल कबाड़ी मलबा उठाने में जुटे हुए थे।
SSP ने कहा- डीएनए टेस्ट को भेजे जाएंगे अवशेष
एसएसपी डा. ब्रजेश सिंह ने बताया कि फोरेंसिक टीम को मौके पर भेजा था। परिजनों ने जिस स्थान पर टॉवर गिरने की बात कही थी। वहां कुछ अवशेष व राख मिली है। इन्हें डीएनए टेस्ट को भेजा जाएगा। इसके बाद ही स्थिति क्लीयर होगी। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।