बदायूँ जनमत। मोमिन अंसार हॉल निकट बड़ी ज्यारत में बदायूं नीमा ( National Integrated Medical Association) यूनानी फोरम के बैनर तले हमारे अज़ीम मुल्क हिंदुस्तान के महान स्वतंत्रता सेनानी, मसीह-उल-मुल्क, जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति पद को सुशोभित करने वाले कैसर- ए- हिंद हकीम अजमल खान के 155वें योमे विलादत के मुबारक मौके पर अज़ीमुश्शान तकरीब, ( Esteemed Event) यूनानी डे (UNANI DAY) शानो शौकत के साथ मनाया गया। इस खूबसूरत तकरीब में हिंदुस्तान के कीमती रत्नों में से एक रत्न हकीम अजमल खान को उनकी मुल्क व समाज के लिए चिकित्सा पद्धति के द्वारा की गई खिदमात को याद किया गया। साथ ही उन्हें खिराज-ए- अकीदत पेश की गई। गौरतलब है कि बदायूं के मशहूरो मारूफ चिकित्सक, समाजसेवी व राजनीतिज्ञ डॉक्टर शकील अंसारी बदायूं नीमा यूनानी फोरम के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे ही इस प्रोग्राम के कन्वीनर रहे।
कार्यक्रम के मेहमान-ए-खुसूसी (Chief guests) डॉ शफीक नकवी (प्रधानाचार्य) राजपूताना यूनानी मेडिकल कॉलेज जयपुर और मोहतरमा डॉक्टर कुर्रतुल एन ज़ेहरा जैदी (डिविजनल यूनानी ऑफिसर) बरेली थे। इनके अलावा डॉक्टर फिरासत अंसारी डिप्टी सीएमओ बदायूं, डॉक्टर अब्बास अली खां सीएमओ इंटीग्रेटेड आयुष हॉस्पिटल बरेली, लईक अली खां (चेयरमैन) हकीम अजमल खान फाउंडेशन उत्तर प्रदेश, डॉ अजमल अखलाक (चेयरमैन) सपोर्ट सोसायटी दिल्ली, डॉक्टर जाहिद हुसैन (मेंबर) इंडियन मेडिसिन बोर्ड उत्तर प्रदेश और डॉक्टर आई एम तव्वाब ( CCIM)दिल्ली, नईम सिद्दीकी सेक्रेटरी नीमा बरेली, जीए राही डिविजनल सेक्रेटरी नीमा यूनानी फॉर्म कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।
मुख्य अतिथि डॉ शफीक नकवी ने मेहमानों से मुखातिब होते हुए कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, हकीम अजमल खान अपने आप में यूनानी चिकित्सा पद्धति की एक संस्था थे। उनके तैयार किए हुए नुस्खों से और यूनानी चिकित्सा पद्धति पर उनके द्वारा किए गए शोध कार्यों से आज केवल हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया उससे फायदा उठा रही है। जरूरत इस बात की है कि हम सभी आयुष चिकित्सक अपनी प्रैक्टिस में यूनानी पैथी के अंतर्गत आने वाली दवाओं के जरिए मरीजों का इलाज करें।
मुख्य अतिथि मोहतरमा डॉक्टर कुर्रतुल एन ज़ैदी ने मेहमानों से मुखातिब होते हुए कहा उत्तर प्रदेश सरकार यूनानी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देना चाहती है लेकिन, आयुष चिकित्सक अपनी यूनानी पैथी में कम प्रैक्टिस करते हैं। जिसके कारण वे पीछे हैं। यदि आप लोग सरकार से मदद चाहते हैं तो आप अपनी यूनानी पैथी में प्रैक्टिस करिए और रजिस्ट्रेशन संबंधी कागजी कार्यवाही पूरी रखिए ताकि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन या विभाग की तरफ से कोई दिक्कत आप लोगों को ना हो और फिर इसके बावजूद भी यदि आप लोगों को कोई दिक्कत आती है तो उसके लिए मैं आपकी मदद के लिए हर वक्त तैयार हूँ। कुछ आयुष चिकित्सक यूनानी चिकित्सा पद्धति को नजरअंदाज करते हुए अन्य चिकित्सा पद्धति को अडॉप्ट करने की कोशिश करते हैं। याद रखिए आपकी असली पहचान आपकी अपनी यूनानी चिकित्सा पद्धति है, यदि आप किसी दूसरी चिकित्सा पद्धति से मरगूब (प्रभावित) होंगे, तो आप अपनी पहचान खो देंगे। इसलिए आप पूरे फख्र के साथ और पूरे भरोसे के साथ यूनानी चिकित्सा पद्धति को अपनाये और सभी आयुष चिकित्सक एक प्लेटफार्म पर खड़े होकर कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ काम करें।
कार्यक्रम के आयोजक समाजसेवी व चिकित्सक डॉक्टर शकील अंसारी सदस्य इंडियन मेडिसिन बोर्ड प्रदेश अध्यक्ष नीमा यूनानी फोरम ने मेहमानों से मुखातिब होते हुए कहा कि हम सभी अहले वतन हिंदुस्तान के बाशिंदों के लिए यह काबिल-ए-सताइश व काबिल-ए-फख्र बात है कि महान स्वतंत्रता सेनानी हकीम अजमल खान यूनानी चिकित्सा पद्धति के द्वारा न जाने कितने मायूस लोगों की जिंदगी में खुशियों की सौगात लेकर आए। आज उनके बताए हुए रास्ते पर और उनकी तैयार की हुई यूनानी चिकित्सा पद्धति को अपनाकर हम लोग अपने देश और समाज की खिदमत कर रहे हैं। हमें बेखौफ होकर पूरे एतमाद के साथ अपनी रोजमर्रा की प्रैक्टिस में यूनानी पैथी के जरिए मरीजों का इलाज करना चाहिए। क्योंकि, अल्लाह तआला ने हर इमराज़ का इलाज यूनानी पैथी में रखा है। यह वक्त की जरूरत है कि कुछ अर्से के बाद हम जिले के सभी आयुष चिकित्सक एक जगह तबादला-ए- ख्याल का इजहार करने के लिए इकट्ठा हो और एक दूसरे के सुख और दुख में शामिल होने के लिए चाहे दिन हो या रात हर लम्हा हर घड़ी तैयार रहें।
सहसवान के आयुष चिकित्सक मुजीबुर्रहमान ने जिले के 8 आयुष चिकित्सकों को जैसे: सहसवान से डॉक्टर हशमत अली, बदायूं से डॉक्टर शकील अंसारी व कमर इकबाल, उझानी से डॉक्टर नईमुद्दीन, अलापुर से डॉक्टर अब्दुल सईद, ककराला से डॉक्टर खालिद नदीम, दातागंज से डॉक्टर राशिद अंसारी और सैदपुर से डॉक्टर एमआर खान को शॉल पहनाकर व प्रतीक चिन्ह देकर बेस्ट फिजीशियन के लिये सम्मानित किया।
कार्यक्रम में संपूर्ण जिले से तशरीफ लाए आयुष चिकित्सक डॉ हशमत अली, डॉ मुजीबुर्रहमान, डॉ सैयद गुफरान रिजवी, डॉक्टर जीशान, डॉक्टर खुर्रम, डॉक्टर सालिम अनवर, डॉक्टर दानिश, डॉक्टर मन्नान, डॉक्टर सुबूर खान, डॉ अरशद अली खान, डॉक्टर गजाला रहमान, डॉक्टर कमाल अख्तर, डॉक्टर शेहला रहमान, डॉ मुनीर अख्तर उर्फ राजा, डॉक्टर बुशरा मुनीर, डॉक्टर अज़रा, डॉक्टर शारू, डॉक्टर आमिर हुसैन, डॉ सैयद रशीद नक़वी, डॉक्टर अब्दुल हकीम, डॉक्टर हैकल, डॉक्टर ज़फर इकबाल, डॉ सैफुर रहमान, डॉक्टर गुलफाम, डॉक्टर सलमान क़ुतुब, डॉक्टर जुबेर, डॉक्टर मेराज, डॉक्टर नईम, डॉ रिजवान, डॉक्टर नवेद, पत्रकार अनवर खान, सय्यद तुफैल अहमद (पप्पन), डॉक्टर साजिद, अरक़म रहमान, अफ़ज़ल रहमान, डॉक्टर खालिद नदीम, डॉक्टर निगार आलम, डॉक्टर राशिद अंसारी, डॉक्टर आजाद, डॉक्टर राबिया, डॉक्टर हिना, डॉक्टर फरनाज, डॉक्टर मुदस्सिर, डॉक्टर आकिल, डॉक्टर अदील अनवर आदि कार्यक्रम में विशेष रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रपति पदक विजेता आकिल खान (शिक्षक) ने किया। कार्यक्रम के अंत मे डॉक्टर मेराज हुसैन ने कार्यक्रम में तशरीफ़ लाए सभी मेहमानों का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया।