बदायूॅं जनमत। ऑल इण्डिया मुस्लिम पेर्सनल लाॅ बोर्ड के सचिव और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सदर (अध्यक्ष) मोहतरम ज़फ़र याब जीलानी एडवोकेट की रहलत के सिलसिले में इस्लामिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड बदायूं की जानिब से ताज़ियती मीटिंग का इनकाद किया गया। यह मीटिंग बोर्ड के नाइब सदर इंजीनियर अमीरूल हसन खां की रिहाईश गाह (आवास) पर हुई। मीटिंग की निज़ामत साहिब ए आलम खां ने की और सदारत अमीरूल हसन ने की। कुराने पाक की तिलवात फ़रहान क़ादरी ने की और हमदोनात अहमद जमाल क़ादरी ने पेश की। मीटिंग में बोर्ड के जिलाध्यक्ष इबादुर रहमान, अहमद परवेज़, अब्दुल कय्यूम, साजिद हसन खां, शरीफ़ खान, मोहम्मद ओवेस ऐडवोकेट, अमन आलम ऐडवोकेट, यामीन उस्मानी, अनस आफ़ताब ऐडवोकेट, इंजीनियर हबीब अहमद, फ़ाज़िल खां, अब्दुल मुक्तदिर, अश्फ़ाक हुसैन, शीराज़ अल्वी आदि लोगों ने शिरकत की।
मीटिंग को ख़िताब (संबोधित) करते हुए बोर्ड के नेशनल चैरमन मुफ़क्किरे कोमो मिल्लत मौलाना डॉक्टर यासीन अली उस्मानी ने तज़ियात पेश करते हुए कहा के जीलानी साहब की दीनो मिल्लत के लिए लगभग पचास सालों पर मुहीत ख़िदमात तारीख़ के सीने में हमेशा महफ़ूज़ रहेंगी, उनको कभी फ़रामोश नहीं किया जा सकता। अनवर आलम ऐडवोकेट ने कहा के जीलानी साहब की शकल में मिल्लत ने एक बेख़ौफ़ और बेलोस रहनुमा खो दिया है। डॉक्टर इत्तिहाद आलम ने कहा के मेरी उनसे आमने सामने मुलाक़ात ना हो सकी लेकिन में उनकी शख्सियत और ख़िदमात से बहुत मुत्तासिर था। उनकी मौत से मिल्लत का बड़ा नुक़सान हुआ है। सलीम असग़र ने कहा के उनके रुखसत हो जाने से कौम ने एक ईमानदार कानून दां खो दिया है। मौलाना फ़हीम अज़हरी ने कहा के जीलानी साहब से पहली मुलाक़ात में ही इंसान को अपनाइयत का एहसास हो जाता था। इबादुर रहमान, साहिब ए आलम और हाफ़िज़ इरफ़ान ने कहा के जीलानी साहब छोटों से भी बहुत ही शफकत और इनक़िसरी से मिलते थे और छोटों को आगे बढ़ाने में मदद करते थे। जलसे के आख़िर में जीलानी साहब के लिए ईसाले सवाब किया गया।