प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अल्पसंख्यक और दलितों को नज़रंदाज़ करने से लोकसभा चुनाव हो सकता है प्रभावित

उत्तर प्रदेश

बदायूॅं जनमत। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी दल अपनी अपनी गोटियां बिछाने में लगे हुए हैं। हाल‌ ही में कांग्रेस द्वारा दलित संवाद सभा आयोजित कर दलितों की घर वापसी कराने पर जोर दिया गया। लेकिन, कल उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा एक ऐसा कदम उठाया गया है जिससे बदायूं और आंवला लोकसभा सीट प्रभावित होने की संभावनाएं जताई जा सकतीं हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा करते हुए बदायूं जिले से तीन ऐसे लोगों को प्रदेश पर स्थान दिया जिनसे उन्हीं के समाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक पूर्व में सदर विधानसभा से प्रत्याशी रह चुकी रजनी सिंह हैं। जो कि ठाकुर समाज से आती हैं। वहीं हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले अजीत यादव ये दो ऐसे नाम हैं जिनका समाज वर्तमान में भाजपा का वोट बैंक बना हुआ है। तीसरे जितेंद्र कश्यप को पुनः प्रदेश कमेटी में जगह मिली है। इनके समाज से धर्मेन्द्र कश्यप वर्तमान में आंवला लोकसभा से भाजपा के सांसद हैं।
यूपी में कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए बदायूं से इन तीन लोगों के प्रदेश सचिव बनने से सियासी जमीन में कतई हलच न हो सकी। उधर भाजपा की नीतियों से परेशान अल्पसंख्यक और दलित समाज इस बार राहुल गांधी की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। लेकिन, इन्हीं के नेताओं को दरकिनार करने से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को आगामी लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। सियासतदानों की मानें तो कल से ही अल्पसंख्यक और दलित समाज व इनके नेताओं में रोष का अंकुर फूट पड़ा है।   

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