बदायूॅं जनमत। संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा, फेडरेशन एसोसीशनों ने संयुक्त रूप से भारत बंद का आह्वान किया था। जिसके चलते जिले में जनहित सत्याग्रह मोर्चा और उससे जुड़े संगठनों ने इस भारत बंद के समर्थन में मालवीय आवास गृह पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही मांगों से संदर्भित प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा।
सभा को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सतीश ने कहा कि देश के किसानों ने लगभग दो साल पहले एक साल से भी लंबा आंदोलन किया। इस आंदोलन में लगभग 750 किसानों की शहादत के बाद सरकार को तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच एक समझौता हुआ भी हुआ था। लेकिन दो साल बाद भी सरकार ने समझौता लागू नहीं किया है। सरकार ने किसानों से वादाखिलाफी की। जिस वजह से आज पूरे देश के किसान मजदूर इकट्ठा होकर संघर्ष कर रहे हैं।
दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक फेडरेशन के अध्यक्ष हर्षवर्धन ने कहा आज देश गंभीर संकट से गुजर रहा है। मजदूरों कर्मचारियों के अधिकारों पर डाका डाल जा रहा है। जनता इस डाके के खिलाफ एकजुट ना जो जाए इसलिए जनता को धर्म और जाति के नाम पर बांटने के कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं।
मोर्चा की महिला प्रकोष्ठ की शर्मिला रानी ने कहा कि बिना महिलाओं की भागीदारी के कोई भी संघर्ष नहीं लड़ा जा सकता है। आज महिलाओं का शोषण उत्पीड़न चरम पर है। आशा, आंगनबाड़ी, रसोइया सहित तमाम स्कीम वर्करों से बहुत ही कम मानदेय पर काम कराया जा रहा है। यह संघर्ष इनके अधिकारों के लिए है। मोर्चा की फूलबानों ने कहा कि आज किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित तमाम मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। और मजदूर कर्मचारी स्थाईकरण, न्यूनतम वेतन और ठेका, संविदा, निविदा और निजीकरण के खिलाफ संघर्षरत हैं। आज का यह बंद इन सभी को न्याय दिलाने के लिए किया जा रहा है।
मोर्चा के अध्यक्ष प्रेमपाल सिंह ने कहा कि आज देश फासीवाद की ओर आगे बढ़ रहा है। जिस कारण देश में मजदूरों, किसानों, महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में हल्द्वानी जैसी घटनाएं मानव सभ्यता पर हमला हैं। इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। हमे सचेत होकर जनता के लोकतांत्रिक, जनवादी, संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन चरन सिंह ने किया। इस मौके पर पूर्व प्रवक्ता राम प्रकाश, चरन सिंह, सत्यपाल सिंह शाक्य, चंद्र पाल शाक्य, पूजा यादव, फिरदौस, नन्ही देवी, भाग्यवती, फरजाना खान, नसरीन खान, महादेवी, कृष्ण गोपाल, डा मुन्ना लाल आदि मौजूद रहे।