बदायूं के ककराला में कुल की रस्म के साथ उर्से शुजाअती का समापन, मुरीदों का उमड़ा बड़ा हुजूम

धार्मिक

बदायूॅं जनमत‌। आज दिनांक 19 अप्रैल 2024 बरोज़ जुमा 68 वें उर्स शुजाअती में जायरीनों की आमद का सिलसिला चलता रहा। देश-विदेश के ज़ायरीनों ने उर्स में शिरकत की, जिसमें दुबई, साउथ अफ्रीका, हांगकांग, सऊदी अरब, अमरीका, कनाडा आदि देशों से काफी तादाद में ज़ायरीन आए। इसके अलावा देश के ज्यादातर प्रदेशों जिसमे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश के समस्त शहरों और ककराला के अतराफ से सभी गांव-कस्बों से एक बड़ी तादाद में अकीदतमंदों का हुजूम दरबार ए शुजाअत में उमड़ा और कुल शरीफ़ में शिरकत कर मज़ार ए पाक पर चादर पोशी की और अपनी मन्नतें व मुरादें मांगी।
इसके बाद सुबह करीब 9 बजे एक रूहानी महफिल का आगाज़ तिलावत ए इलाही से हुआ। जिसमें हसीब रौनक सकलैनी व आमिल सकलैनी ने नात व मनकबत के शानदार कलाम पेश किए। प्रोग्राम की निज़ामत मुख़्तार तिलहरी सकलैनी ने की। मौलाना रिफाकत सकलैनी नईमी ने एक इस्लाही और रूहानी बयान पेश किया। जिसमें उन्होंने “साहिब ए उर्स सूफी ए बासफा किबला शाह शुजाअत मियां हुज़ूर रह०अ० की रूहानी जिंदगी पर रोशनी डाली और कहा कि सिलसिले से वाबस्ता रहो क्योंकि यही अल्लाह का कुर्ब हासिल करने का तरीका है और यही हमारे पीरो मुरशिद शाह मोहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर रह०अ० की तलीमात हैं आखिर में तमाम उम्मत को इत्तिहाद से रहने का पैगाम दिया।
इसके बाद कुल शरीफ की फातिहा का एहतिमाम किया गया। जिसमें साहिबे सज्जादा खानकाह ए सकलैनिया शराफतिया हुज़ूर अल्हाज गाज़ी मियां सकलैनी उल कादरी ने फातिहा पढ़ी, जिसमें अल्हाज मुंतखब मियां, सदिकैन मियां, हाफिज गुलाम गौस सकलैनी, हमजा सकलैनी, इंतखाब सकलैनी, महफूज़ सकलैनी, मुर्तजा सकलैनी, मुंतसिब सकलैनी, फैजयाब सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, मुस्तज़ाब सकलैनी, सलमान सकलैनी, मौलाना रिफाकत सकलैनी, मुफ्ती फहीम अजहरी, हाफिज जान मुहम्मद,कारी कैस, हाफिज आमिल, हाफिज अयाज़, तमाम अयम्मा ए मसजिद और तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे।
कुल शरीफ के इस मुबारक मौक़े पर साहिबे सज्जादा हज़रत गाज़ी मियां हुज़ूर ने खुसूसी दुआ कराई और देश व दुनिया में अमन-चैन का पैगाम दिया। इसके बाद तमाम जायरीनों को लंगर में खाना खाकर घर जाने की इजाज़त फरमाई।
इस तरह दो दिवसीय 68 वें उर्स ए शुजाअती का इख्तिताम हुआ। उर्स में आने वाले तमाम जायरीनों का हजरत शाह सकलैन एकेडमी यूनिट ककराला की तरफ से खैरमकदम किया गया और बइजाज़त साहिबे सज्जादा उनके ठहरने वगैरह का इंतजाम किया। साथ ही दरगाह उर्स इंतजामिया ज़िम्मेदारान ने उर्स में पुलिस-प्रशासन के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया। दरगाह प्रवक्ता हमज़ा सकलैनी ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उर्स में पुलिस-प्रशासन एवम्ं मीडिया का भरपूर सहयोग मिला। इसके लिए उनका पूरी इंतजामिया की तरफ से शुक्रिया अदा करते हैं। उर्स में ज़ायरीन के हर तरह की सुविधा और व्यवस्था को बनाने में हज़रत शाह सकलैन एकेडमी ने अपना भरपूर योगदान पेश कियास जिसमें हाफ़िज़ कैस सकलैनी, हाफ़िज़ आमिल, हाफ़िज़ अयाज़, तौसीफ सकलैनी, फराज़ सकलैनी, चाहत सकलैनी, हाफिज सरफराज, कमाल खान, अमान खान, अदनान खान मौजूद रहे।       

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