बदायूॅं जनमत। वन विभाग के एक दरोगा की कार की डिक्की में एक बोरे में सिर कटा सियार मिलने से खलबली मच गई। सहसवान स्थित वन विभाग के कार्यालय परिसर में खड़ी वन विभाग के दरोगा विजय सिंह की खड़ी कार की डिक्की में एक कटा हुआ सियार बरामद हुआ है।
वहीं पशु प्रेमी संजीव को जब इसका पता लगा तो अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की सूचना पुलिस को दी।
पुलिस की मौजूदगी में वन दरोगा विजय सिंह की कार की डिक्की को खोला गया तब बोरी में बंद एक सियार का अधकटा शव बरामद हुआ है। हालांकि वन दरोगा विजय सिंह ने आरोपों से इंकार करते हुए इसे षड्यंत्र करार दिया है। कार की चाबी एक अन्य व्यक्ति के पास रहने का हवाला दिया है। वहीं उन्होंने बताया कि किसी ने उन्हें फंसाने का षड्यंत्र कर यह मरा हुआ सियार कार की डिक्की में रात में किसी वक्त रख दिया है। वहीं पशु प्रेमी संजीव और उनकी टीम ने वन दरोगा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
उधर सहसवान वन रेंजर अशोक कुमार त्यागी का पूरे प्रकरण को लेकर कहना है कि बीती रात्रि में वन दरोगा कि गाड़ी में किसी वक्त कोई सियार का शव रखकर चला गया। जबकि हमें कुछ भी पता नहीं है। सुबह जब पशु प्रेमी संजीव व अन्य आए तब उन्होंने हमें जगाया और कहा कि गाड़ी खोलिए जब गाड़ी को खुलवाया तब इसमें एक सियार का शव मिला है। यह सब षड्यंत्र के तहत फंसाने के लिए किया जा रहा है। जबकि पशु प्रेमी को कैसे पता चला कि गाड़ी की डिक्की में सियार है। अब मुझे पूरा मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है कि पशु प्रेमी ने कैसे पता लगा कि गाड़ी के अंदर सियार है। जिसने उन्हें सूचना दी उसका नाम उन्होंने हमें क्यों नही बताया। दूसरी तरफ पशु प्रेमी संजीव ने आरोप लगाया कि हमें सूचना मिली कि यहां पर जो वन विभाग के दरोगा विजय सिंह है वो वन जीवों के मांस की सप्लाई करते है। जैसे तांत्रिक और आम लोगों को जिन लोगों की मांस खाने की आदत है।
पशु प्रेमी संजीव का कहना है कि इनकी खड़ी कार में कटा हुआ सियार कोई रखकर चला गया और इन्हें भनक तक नहीं लगी। जबकि कार की चाबी और वन दरोगा का आवास बिल्कुल बगल में है। खैर जो भी सही यह जांच पड़ताल के बाद सामने आयेगा। लेकिन वन विभाग के दरोगा की कार में मिला सियार का शव बरामद होना गंभीर मामला है।