बदायूॅं जनमत। उसहैत क्षेत्र के ग्राम टिकरी स्थित केशरी सिंह मेमोरियल इंटर कॉलेज परिसर में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता शाहजहांपुर के प्रख्यात कवि ओमप्रकाश यादव ओम एवं संचालन रायबरेली के ओज के कवि नीरज पाण्डेय ने किया। सर्वप्रथम कवि सम्मेलन का शुभारंभ पीलीभीत की कवियत्री सरोज सरगम की सरस्वती वंदना से हुआ।
उसके बाद शाहजहांपुर से आए कवि उर्मिलेश सौमित्र ने पढा-
दाग कनपटी पर गोली आजादी का अभियान लिखा,
जिंदाबाद जवानी लिख दी जिंदा हिंदुस्तान लिखा।
बदायूं से पधारे पवन शंखधार ने पढा-
मूरख से मत बहस कर अपना आपा खोय,
मूरख तो मूरख हुआ तू क्यों मूरख होय।
कटरासआदतगंज से पधारे कवि डा. कमलकांत तिवारी ने पढा-
वतन विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों सुन लो,
भारत जिंदाबाद रहा है, भारत जिंदाबाद रहेगा।
बरेली से पधारी कवियत्री उन्नति राधा शर्मा ने पढा-
कभी सफलता के चिर शिखर पर हमारे कदमों निशां होंगे,
जहां की सारी ही शोहरतों से तुम्हारा सदका उतार लेंगे।
टूंडला से पधारी कवियत्री सुनीता वौद्ध ने बालिकाओं की दुर्दशा पर कुछ यूं पढा-
ये विकास भारत में कैसा,
निशि-वासर लुट रहीं बेटियां,
अपराधी दे छूटें पैसा।
रायबरेली से पधारे ओज कवि नीरज पाण्डेय ने कहा-
शांति दूत बनने से जब कोई हल नहीं निकलता है,
तब मेरी कविता का अक्षर अक्षर आग उगलता है।
पीलीभीत की कवियत्री सरोज सरगम ने पढा-
ये तिरंगा मेरे देश का मान है,
जान भारत की ये सबकी पहचान है।
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शाहजहांपुर के प्रख्यात कवि ओमप्रकाश यादव ओम ने कहा-
खुदा बेशक बनों लेकिन खुदी अच्छी नहीं होती।
प्यासे पंक्षी मरें ऐसी नदी अच्छी नहीं होती।
माना तुमसे न चल पायेगी नाव नेकी की।
समझते क्यों नहीं अति की बदी अच्छी नहीं होती।
इससे पूर्व कार्यक्रम के आयोजक कालेज के प्रबंधक ऋषिपाल सिंह ने सभी कवियों को शाल उढाकर व प्रतीक चिंह देकर और माल्यार्पण कर सम्मानित किया।
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