बदायूॅं जनमत। शहर की दर्सगाह इस्लामी में बज्मे जकी की ओर से डा शादाब जकी बदायूंनी की दो किताबों का विमोचन किया गया। साथ ही अदबी गोष्ठी का भी आयोजन हुआ। गोष्टी की अध्यक्षता बिलग्राम शरीफ की दरगाह के सज्जादानशीन डा. सय्यद एहतशाम मियां ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश उर्दू अकेडमी के पूर्व चैयरमैन मौलाना डा यासीन अली उस्मानी ने शिरकत की।
शादाब जकी की हम्द का मजमुआ सना ए रब्बे करीम का विमोचन सय्यद एहतशाम मियां के हाथों अमल में आया और नात का मजमुआ खुशबूए मदीना का विमोचन डा मौलाना यासीन उस्मानी द्वारा किया गया। डा यासीन उस्मानी ने कहा कि डा शादाब जकी उर्दू के एक बड़े शायर और अदीब थे। उन्होंने अपनी दोनों कीमती किताबें बीमार रहते हुए अपने विस्तार पर रहकर लिखी। उनके पिता जकी बदायूंनी ने पचास साल तक उर्दू जुबान की सेवा की और साहित्य को कीमती किताबें देकर बड़ा योगदान किया। डा उस्मानी ने शादाब जकी के छोटे भाई कामयाब जकी को उनके इंतकाल के बाद उनकी किताबें छपवाने के लिए धन्यवाद दी। कार्यक्रम का संचालन शायर हिलाल वजीरगंजवी ने किया।
इस अवसर पर नातिया मुशायरे का भी आयोजन किया गया। जिसमें फीरोज जफर बदायूँनी, अनवार नजर, अहमद अमजदी, डा मुजाहिद नाज, हाफिज अली असगर, विलाल सादिक अलापुरी, आरिफ परवेज, खालिद नदीम, असरार एडवोकेट, आजम चौधरी, शकील जाम, वारिस रफी आदि मौजूद रहे।
