बदायूं में बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले को फांसी की सजा, 2.30 लाख का जुर्माना, 4 माह में कोर्ट ने सुनाई सज़ा

अपराध

बदायूॅं जनमत‌। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट दीपक यादव की अदालत ने पांच माह पहले सात साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 2.30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 18 अक्तूबर 2024 को बिल्सी कस्बा की रहने वाली कक्षा तीन की सात वर्षीय छात्रा दोपहर करीब एक बजे घर से बाहर निकली थी, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। परिजनों ने उसकी तलाश की। रात करीब 10 बजे कस्बा में एक खंडहरनुमा घर में बच्ची का शव पड़ा मिला। बच्ची के चेहरे व गले पर चोट व खरोंच के निशान थे। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म व हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया। मामला बच्ची की हत्या व दुष्कर्म से जुड़ा होने के चलते पुलिस की कई टीमें आरोपी की छानबीन में जुट गई। पुलिस ने देर रात ही इलाके के कई सीसीटीवी कैमरे खंगाले, जिसमें बिल्सी कस्बे के वार्ड चार का जाने आलम उर्फ जैना पुत्र रियाजउद्दीन बच्ची को ले जाते हुए कैद निकला। पुलिस ने देर रात में मुठभेड़ में उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी टांग में गोली लगी थी। पुलिस की पूछताछ में जाने आलम ने बच्ची के दरिंदगी व हत्या की घटना की स्वीकार की थी।
पुलिस ने अज्ञात में दर्ज मुकदमे में उसके नाम की बढ़ोत्तरी की। मुकदमे की विवेचना बिल्सी इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह पुंडीर ने की, तब से मामला अदालत में विचाराधीन था। बुधवार को अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी जाने आलम को बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या में दोषी पाते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पर 2.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

यूट्यूब के खिलाफ मुकदमा दर्ज के आदेश…

इसके साथ ही अदालत ने घटना के दौरान पीड़िता की पहचान उजागर करने का संज्ञान लेते हुए एक यूट्यूबर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इससे सोशल मीडिया पर पत्रकारिता करने वालों में खलबली मच गई है।       

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