बदायूॅं जनमत। समाजवादी पार्टी के नेता, मुख्य सचेतक, लोक लेखा समिति के सदस्य व सांसद धर्मेंद्र यादव ने संसद में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के बजट (2025-26) पर चर्चा के दौरान सरकार के सामने किसानों की समस्याओं और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू न करने पर सरकार को घेरा।
इस मौके पर धर्मेंद्र यादव ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में संकल्प पत्र में भाजपा नेताओं ने कहा कि स्वामीनाथन की सिफारिश तथा श्रद्धये नेता जी मंशा के अनुरूप किसान की कुल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिया जाएगा। परन्तु बारह बजट के पेश होने के बाद भी किसानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। 2016 में प्रधानमंत्री ने घोषणा की जब 2022 में भारत अमृतकाल में प्रवेश करेगा तब किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी, परंतु किसानों के उपयोग में आने वाली खाद, बीज, कीटनाशक दवा, कृषि उपकरण तथा डीजल जैसी आवश्यक चीजों की कीमत आसमान छू रही हैं। आज किसानों के हालात ऐसे हैं कि यदि खेती के लिये वो कर्ज़ न लें तो खेती के लिये आवश्यक चीजें भी न जुटा पाएं। स्वामीनाथन की सिफारिश के अनुसार यदि किसानों की आमदनी बढ़ानी है तो भारत में तितालिस हजार मंडियों का निर्माण कराना होगा। जबकि अभी सिर्फ सात हजार मंडियां ही चल रही हैं, जबसे भाजपा सरकार आई है तब से सिर्फ बड़े बड़े व्यापारियों द्वारा बड़ी बड़ी मंडियां बना ली हैं। जिससे किसानों का शोषण बढ़ गया है।
