हमारा स्कूल न छीनों साहब; पूर्वजों ने बड़े संघर्ष से बनवाये थे विद्यालय, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

शिक्षा

बदायूॅं जनमत‌। शासन की मंशा के अनुरूप 50 से कम बच्चों वाले बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों को बंद करके दूसरे गांव के विद्यालय में छात्र व शिक्षकों को भेजने के आदेश के खिलाफ ग्रामीण व अभिभावकों ने ब्लाक संसाधन केंद्र वजीरगंज पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि बीआरसी पर ग्रामीणों की मुलाकात खंड शिक्षा अधिकारी से नहीं हो सकी जिस कारण उन्हें अपना ज्ञापन कार्यालय सहायक को सौंपना पड़ा।
बीआरसी केंद्र वजीरगंज पर ब्लॉक के ग्राम किशनपुर, ग्राम मढ़ी, ग्राम पिपरिया, ग्राम निमठोली, ग्राम महेरा के अभिभावक एवं ग्रामीणों ने एकत्रित होकर अपना विरोध प्रदर्शन कर कार्यालय को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एकमात्र मूलभूत सुविधा हमारा विद्यालय है जो एकमात्र हमारे ग्राम की शान है। सरकार को चाहिए जहां प्राइमरी विद्यालय है उन्हें उच्च प्राथमिक व उच्च प्राथमिक को हायर सेकेंडरी कर दिया जाए, जिससे गरीब लोगों के बच्चों की शिक्षा में वृद्धि हो सके। अगर विद्यालय खत्म कर दिया जाएगा तो बच्चे कैसे और क्यों दूसरे गांव में जाएंगे। ग्रामीण वैसे ही शासन की सुविधाओं से वंचित है ऐसे में विद्यालय खत्म करने से हमारे गांव की साख ही खत्म हो जाएगी। हम जहां के निवासी है वहीं हमें सम्मान दिया जाये एवं हमारा विद्यालय दूसरे ग्राम में विलय न किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बड़े संघर्ष से ये विद्यालय बनवाये थे। इसलिए हमसे हमारा स्कूल न छीना जाए। हालांकि ग्रामीणों की भेंट बीईओ दिलीप कुमार से नहीं हो सकी। इस मौके पर ग्राम किशनपुर से एसएमसी उपाध्यक्ष हरपाल, ब्रजपाल, पीताम्बर, अनमोल कुमार एवं द्रोपदी देवी, प्रावि मढ़ी के प्रधान राजकुमार, सुनील, जितेंद्र सिंह, जानकी देवी, लाल सिंह, ममता, गीता देवी, ग्राम निमठोली से राजवीर, पुष्पा देवी, सुजाता, उर्मिला, काजल, नीरज, रामोतार, सोमवती, हेतराम, नौचन्दी देवी, ग्राम पिपरिया से नीरज कुमार, राजवीर, पुष्पा देवी आदि मौजूद रहे।      गांव के प्राइवेट स्कूलों को बंद कराएं अधिकारी : ग्राम प्रधान

प्रधान करकटपुर राजकुमार ने कहा वैसे मेरा मूल गांव करकटपुर है एवं मढ़ी मजरा है परंतु मैं नहीं चाहता मढ़ी वालों का अधिकार उनसे छीना जाये। छात्र संख्या की बात है तो मैं सहयोग करूंगा एवं अधिकारियों को चाहिए जो प्राइवेट स्कूल चल रहे हैं पहले उनको बंद किया जाये। जिससे छात्र संख्या स्वतः बढ़ जाएगी।

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