बदायूँ जनमत। जिला जज पंकज अग्रवाल ने प्रेमी युगल की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या के मामले में माता-पिता समते दो सगे भाइयों को फांसी की सजा सुनाई है। प्रेमी को शादी की बात करने के लिहाज से घर पर बुलाकर यह हत्याकांड हुआ था। 2017 में हुए इस मामले में सुनवाई के साथ ही पुलिस की पैरवी के बाद यह प्रकरण गुरुवार देर शाम अंजाम तक पहुंच सका है। सभी आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।
वारदात वजीरगंज थाना क्षेत्र के उरैना गांव में हुई थी। यहां रहने वाले गोविंद (25) समेत आशा (22) पुत्री किशनपाल के बीच प्रेम प्रसंग था। दोनों एक ही बिरादरी के थे और संदिग्ध हालात में लापता हो गए थे। चूंकि मामला बिरादरी का था तो कुछ लोग आगे आए और दोनों की शादी कराने का प्रस्ताव उनके परिजनों के सामने रख दिया। परिजन राजी हो गए तो दोनों वापस आ गए।
गोविंद दिल्ली में रहकर काम करता था। आशा के परिजनों ने बुलाया तो वह यहां जा पहुंचा। तारीख 14 मई 2017 की थी। वह शादी की बात करने आशा के घर गया तो वहां उसे चाय पिलाई गई। इसके बाद उसकी कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई। आशा को भी परिजनों ने काट डाला। इस मामले में परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने आशा के भाई विजयपाल, रामवीर समेत मां जलधारा व पिता किशनपाल के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया।
बताया जाता है कि जब पिता किशनपाल गोविंद का शव घर से बाहर फेंक रहा था तो पड़ोस में रहने वाली महिला ने पूरा वाक्या देख लिया था। उसने शोर मचाया तो गांव के लोग एकत्र हो गए। तत्कालीन एसएसपी चंद्रप्रकाश भी मौके पर पहुंचे और मुकदमा कायम कराया।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। कोर्ट में भी पैरवी की गई। आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य भी पेश किए गए। साक्ष्यों के अवलोकन के आधार पर जिला जज ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है।