बदायूँ जनमत। दस महीनों से लापता मंदबुद्धि महिला को पुलिस ने उसके परिजनों से आखिरकार मिला दिया। महिला मेरठ की रहने वाली है और अचानक परिजनों को बिना कुछ बताए वह घर से निकल गई थी। इधर, पुलिस को उसके परिजनों का नाम पता चला था और उन्हें बुलाकर लिखापढ़ी के बाद सुपुर्दगी में दे दिया है।
बिसौली कोतवाली इलाके के गांव पिंदारा के कुछ लोगों ने 3 फरवरी की रात पुलिस को सूचना दी कि वहां एक मंदबुद्धि महिला मंदिर में आई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला से बातचीत की लेकिन वह बोलने में अक्षम देखी। इस पर पुलिस ने आसपास इलाके के लोगों से जानकारी जुटाई लेकिन किसी ने भी उसके नाम या पते के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। काफी कोशिशों के बाद महिला की जुबान पर दरियापुर गांव का नाम आया तो पुलिस उसे कोतवाली ले आई।
पुलिस ने अपने नेटवर्किंग सिस्टम से दरियापुर गांव का नाम तलाशा तो पता लगा कि मेरठ के थाना हस्तिनापुर इलाके में इस नाम का गांव है। वहां के प्रधान समेत थाना पुलिस से संपर्क साधा और महिला की तस्वीरें भेजी गई तो पता लगा की महिला 10 माह से लापता थी। गांव वालों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस को पता लगा कि बरामद महिला का नाम प्रवेश (40) पुत्री ओमे है, जबकि उनके भाई का नाम सुनील है। पुलिस ने सुनील से संपर्क साधा तो वहां से पता चला कि महिला 10 माह से लापता है और उसकी गुमशुदगी भी दर्ज है। इस पर पुलिस ने हस्तिनापुर थाना पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी और सुनील को लेकर वहां की पुलिस बिसौली पहुंची।
कोतवाल बिसौली संजीव शुक्ला ने बताया कि विधिक औपचारिकताओं के बाद महिला को उसके परिवार वालों की सुपुर्दगी में दे दिया गया है। इधर, एसएसपी डॉक्टर ओपी सिंह ने भी बिसौली पुलिस के इन प्रयासों और परिणाम की सराहना करते हुए इंस्पेक्टर संजीव शुक्ला की पीठ थपथपाई है।