बदायूँ जनमत। प्रेस्टीज क्लीन इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड बदायूं में हुई करोड़ों की घपलेबाजी के बाद नया मामला सामने आया है। इसमें कंपनी के तत्कालीन अध्यक्ष ने सीधे तौर पर मौजूदा अध्यक्ष और डायरेक्टर यशवंत सिंह समेत उसके मेली और सहयोगियों पर षड्यंत्र का आरोप लगाया है।
परिवार ने पुलिसिया आतंक से परेशान होकर गंगा में जल समाधि लेने की घोषणा कर चुका है। परिवार का आरोप है कि पुलिस आरोपियों का साथ दे रही है। तत्कालीन अध्यक्ष पुलिस अफसरों से लेकर राष्ट्रपति तक न्याय की गुहार लगा चुके हैं। बदायूं के थाना सिविल लाइंस इलाके में बिजनौर हाईवे पर बदरपुर गांव के पास प्रेस्टीज ग्रीन इंडिया नाम से फर्म खोली गई थी। यहां आरओ सिस्टम बनाने का काम किया गया था। स्थानीय समेत आसपास इलाके के लोगों का निवेश भी यहां कराया गया। बाद में करोड़ों की फर्म समेत जमीन को बेचा गया तो निवेशकों ने फर्म के डायरेक्टर यशवंत सिंह को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई और मौजूदा वक्त में वह जेल काट रहा है। इस मामले में यशवंत सिंह की भले ही पुलिस ने गिरफ्तारी कर ली, लेकिन पुलिस उसके पक्ष में खड़ी दिखी और कंपनी से साल 2016 में ही इस्तीफा दे चुके तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव प्रताप सिंह निवासी गांव खितौरा कुंदन थाना उघैती को भी तफ्तीश में शामिल करते हुए आरोपी बना दिया। दस्तावेजी साक्ष्यों में ध्रुव सिंह पहले ही कंपनी से इस्तीफा दे चुके थे और उन्होंने अपना यह पक्ष अदालत में रखा तो वहां से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। अन्य पक्ष भी उन्होंने अदालत में रखे और साक्ष्य भी उपलब्ध कराए, जबकि पुलिस ने अपनी कार्रवाई में उनकी कुर्की की उद्घोषणा तक कर डाली। हालांकि यह मामला भी कोर्ट पहुंचा तो पुलिस को मुंह की खानी पड़ गई और कुर्की की कार्रवाई पर कोर्ट ने रोक लगा दी।
वहीं ध्रुव प्रताप सिंह ने अब अफसरों के सामने न्याय की गुहार लगाई है। इसके साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि अगर सिविल लाइंस थाना पुलिस द्वारा न्याय संगत जांच नहीं की जाती तो वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ गंगा में जल समाधि ले लेंगे। कुल मिलाकर पुलिसिया उत्पीड़न से त्रस्त परिवार जल समाधि लेने की तैयारी में है। इधर अफसर इस परिवार की फरियाद सुनने को तैयार नहीं हैं।