सहकारी समिति चुनाव में घोर लापरवाही: मतदाता सूचियों का पता नहीं नाम देखने को भटकते रहे लोग

उत्तर प्रदेश

बदायूँ जनमत। साधन सहकारी समिति के चुनाव में मतदाताओं की सूची का प्रकाशन कर दिया गया है और आपत्ति के लिए रविवार का दिन निर्धारित किया गया है। लेकिन, ककराला की समिति पर पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा और नोटिस बोर्ड भी सूना पड़ा रहा। सदस्य मतदाता सूची में अपना नाम देखने के लिए घंटो ककराला की समिति पर इंतजार करते रहे। लेकिन, समिति पर कोई कर्मचारी तक नहीं आया और न मतदाता सूची चस्पा की गई। जब लोगों ने आला अधिकारियों से मामले की शिकायत की तो अधिकारी एक दूसरे पर टालते रहे। एआर कॉपरेटिव से लेकर एडीओ तक के पास जवाब नही था। वहीं समिति से जुड़े मतदाताओं ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी मनोज कुमार से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक कर डाली है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने मामले की सूचना जिलाधिकारी मनोज कुमार को दी तो उन्होंने उपजिलाधिकारी सदर से बात करने को कहा और एसडीएम ने एआर कॉपरेटिव से और उन्होंने एडीओ से बात करने को कहा, किसी ने गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया। जानबूझ कर अंतिम मतदाता सूची द्वितीय शनिवार को प्रकाशित की गई और आपत्ति के लिए रविवार का दिन रखा गया है। दोनों दिन अवकाश है तो चुनाव संबंधी महत्वपूर्ण कार्य कैसे किया जा सकता है। अगर इस मामले का निस्तारण नहीं किया गया तो वे मंगलवार से समिति के सामने धरना देंगे।

एआर कॉपरेटिव ने मतदाताओं को पढ़ाया नैतिकता का पाठ

शिकायतकर्ता अब्दुल हलीम ने बताया कि उनके साथ कई मतदाता सूची में अपना नाम देखने पहुंचे थे। लेकिन, नोटिस बोर्ड पर सूची चस्पा नहीं थी।जिसकी शिकायत एआर कॉपरेटिव अभिषेक कुमार से की तो उन्होंने शिकायतकर्ताओं को ही हड़काया और कहा कि जो काम हो रहा है उसको होने दीजिए अडंगा मत लगाओ।मतदाताओं की उनसे फोन पर तीखी नोकझोंक भी हुई।

बोले एडीओ चौधरी साहब के पास है सूची

जब इस बारे में एडीओ शेषणारायण से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मतदाता सूची चौधरी साहब के पास है।सूची चस्पा किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है बल्कि उसको टांगने का प्रावधान है।कोई लिस्ट फाड़ न दें इसलिए नहीं टांगी गई है। उन्होंने बताया कि चौधरी साहब आयेगे तभी सूची देखने को मिल सकती है।रहस्यमय चौधरी पूर्व में इसी समिति पर तैनात रहे दिवंगत सचिव श्रीपाल का बेटा बताया गया था। जिसकी नियुक्ति पर सवाल खड़े हुए थे और उसको समिति बोर्ड ने बर्खास्त कर दिया था। लेकिन, अधिकारियों ने इसके बाबजूद भी समिति चुनाव का जिम्मा इसको दे रखा है।

घोटाले को लेकर सुर्खियों में रही है समिति ककराला

ककराला की साधन सहकारी समिति घोटाले को लेकर सुर्खियों में रह चुकी है। डायरेक्टर जाहिद ने चेक पर साइन करने को लेकर तत्कालीन सचिव से मना कर दिया था और घोटाले की जांच कराने को शिकायत भी कर दी थी। बताया जाता है कि सांठगांठ के चलते समिति के अभिलेख गायब कर दिए गए थे और जांच ठंडे बस्ते में डाल दी थी। अगर इस प्रकरण की दोबारा जांच कराई जाए तो बहुत बड़ा घोटाला बेनकाब हो जाएगा। जिसमें कई सफेदपोश से लेकर अधिकारियों तक फंस सकते हैं।

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