बदायूँ जनमत। बीते शुक्रवार को बिसौली क्षेत्र में ट्राली पलटने से एक किशोर मजदूर की मौत और कई बाल मजदूरों के घायल होने की घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। श्रम विभाग की टीम ने क्षेत्र में विभिन्न स्थानों से सोमवार को 18 बाल मजदूरों को मुक्त कराया। विभाग ने बाल मजदूरी कराने वाले सेवायोजकों व किसानों को नोटिस जारी किए हैं। प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद बाल मजदूरी को बढ़ावा देने वालों में हड़कंप मच गया है।
यहां बता दें कि बीती 24 फरवरी की शाम रानैट चौराहे पर मजदूरों से भरी ट्रैक्टर ट्राली पलटने से नगर निवासी 14 वर्षीय बाल मजदूर अजय पुत्र जसवंत की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि ट्राली में मौजूद दर्जन भर से अधिक बाल श्रमिकों सहित तीन दर्जन मजदूर घायल हुए थे। घटना के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ और जिलाधिकारी मनोज कुमार ने श्रम विभाग के अधिकारियों की क्लास ले ली। डीएम के निर्देश पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी सतेन्द्र मिश्र के नेतृत्व में टीम ने पुलिस बल के साथ क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर कृषि फर्मों पर छापे मारे। खेतों में आलू की खुदाई व पैकिंग में कार्यरत 10 किशोर श्रमिकों को कार्य से मुक्त कराया गया। वहीं नगर में विभिन्न दुकानों पर कार्यरत 8 किशोर श्रमिकों को भी कार्य से मुक्त कराया गया। साथ ही टीम ने बाल मजदूरों से कार्य कराने वाले सेवायोजकों व किसानों को नोटिस जारी किए हैं। श्री मिश्र ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय से दोषी पाए जाने पर सेवायोजकों के विरूद्ध बीस हजार से लेकर पचास हजार रूपये तक जुर्माना या 2 वर्ष की सजा या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने सभी किसानों वा सेवायोजकों सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों को काम पर न लगाएं। इससे न केवल उनके साथ दुर्घटना आदि की संभावना बनी रहती है अपितु उनके शिक्षा वा स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। टीम के साथ श्रम विभाग से विचित्र सक्सेना वरिष्ठ सहायक, रूबेश, नरेश राणा, आमिर, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से मनोज कुमार, रवि कुमार, हेड कांस्टेबल विजय कुमार, चाइल्ड लाइन प्रभारी कमल शर्मा, दुष्यंत शर्मा आदि मौजूद रहे।