बदायूॅं जनमत। कस्बा उसहैत में सोतनदी पुल हनुमान जी मंदिर के पास जिंद बाबा मंदिर पर साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के आज दूसरे दिन परीक्षित के जन्म की कथा, किस तरह अश्वथामा द्वारा पांडवों के पांचों पुत्रों का वध किया जाना, किस तरह भगवान कृष्ण के द्वारा मां उत्तरा के गर्भ में परीक्षित को जीवनदान दिया और परीक्षित का जन्म हुआ। दूसरी कथा में माता शती ने किस तरह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने की भूल की। श्रीराम जब माता सीता के हरण के बाद वन-वन भटककर माता सीता को खोज रहे थे। ये नर लीला देख देवो के देव महादेव ने उन्हें प्रणाम किया तो माता शती ने उन्हें देख लिया। माता शती ने कहा यह तो अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र राम और लक्ष्मण हैं। आपने इन्हें प्रणाम क्यों किया। महादेव ने बताया नारायण अभी नर लीला कर रहे हैं। माता शती ने कहा प्रभु यदि ये नारायण हैं तो इन्हें ज्ञात होगा इनकी पत्नी सीता का हरण किसने किया है। माता को संशय में देख भोलेनाथ ने कहा आप खुद ही इनकी परीक्षा ले लें। माता शती जब सीता का रूप धारण कर एक जगह बैठ गयीं जिन्हें देखते श्रीराम ने कहा माता आप यहां है और हमारे आराध्य प्रभु भोलेनाथ कहाँ हैं।
कथावाचक शिवकुमार त्रिपाठी ने दोनों कथाओं को बड़े विस्तार से सुनाया और बीच-बीच में सुन्दर भजन भी सुनाये। जिसे सुनकर वहाँ उपस्थित श्रोतागण भावविभोर हो गये।
कथा प्रबंधक अर्चित पाठक द्वारा बताया गया कल व्यास जी द्वारा और अच्छे-अच्छे प्रसंगों को सुनाया जायेगा। इसलिए क्षेत्रवासियों से अनुरोध है कि आकर कथा का आनन्द लें।
