बदायूॅं जनमत। आज मंगलवार को एक आठ वर्षीय मासूम की गंगा नदी में नहाते समय डूबकर मौत हो गई। गोताखोरों की मदद से उसे गंगा से निकाला गया। सूचना पर पहुंची पुलिस से मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम न कराने की कहकर उसे दफनाने का इंतजाम करने लगे। जब मासूम का जनाजा कब्रिस्तान पहुंचा तो दूसरे समुदाय के पक्ष ने कब्रिस्तान को अपनी भूमि बताकर उसे दफनाने से रोक दिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि उसे परदादा और दादा समेत अन्य लोग वहां दफन हैं। साथ ही पक्की कब्र भी बनी है। वर्षों पुराना कब्रिस्तान है फिर यह भूमि उनकी कैसे है। इस पर दूसरे पक्ष ने कब्रिस्तान के पास स्थित अपने खेत के कागजात दिखाए, जिनके मुताबिक कब्रिस्तान के पास 6 बीघा खेत दूसरे पक्ष का है। देर रात तक तनातनी का माहौल रहा। थाना पुलिस, लेखपाल, नायब तहसीलदार और एसडीएम दातागंज मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित पक्ष को आश्वस्त करते हुए मासूम को सार्वजनिक कब्रिस्तान में दफनाने की अपील की। जिसके बाद ग्रामीणों के काफी समझाने पर वह मान गये और रात करीब 11 बजे मासूम को गांव के सार्वजनिक कब्रिस्तान में दफन कर दिया। उधर एसडीएम ने लेखपाल को निर्देश दिए हैं कि सुबह दूसरे पक्ष की भूमि की नपत की जाये।
मामला थाना उसहैत क्षेत्र के गांव खेड़ा जलालपुर का है। गांव निवासी रफीक का 8 वर्षीय बेटा सनीप आज गंगा नहाने गया था। गहरे पानी में जाने से वह डूब गया। गोताखोरों ने उसके शव को निकाला। सूचना पर उसहैत थाना प्रभारी इंस्पेक्टर वीरपाल सिंह तोमर मौके पर पहुंचे जहां मृतक के परिजनों ने उसका पोस्टमार्टम कराने से इंकार दिया। घर वाले उसे दफनाने वर्षों पुराने कब्रिस्तान में लेकर पहुंचे जहां एक दूसरे समुदाय के श्रीराम ने कब्रिस्तान को अपनी भूमि बताते हुए उसे दफनाने से रोक दिया। मामला तूल पकड़ता गया। देर रात नायब तहसीलदार छविराम, एसडीएम दातागंज धर्मेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को किसी तरह समझाकर मृतक को गांव के सार्वजनिक कब्रिस्तान में करीब 11 बजे दफन कराया। वहीं एसडीएम ने लिखित आश्वासन दिया है कि अगर वह जगह श्रीराम की नहीं है आगे से उनके परिवार के लोग वहीं दफ़न होंगे।
वीडियो देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल जनमत एक्सप्रेस पर जायें…