दिल्ली जनमत। भारत वर्ष में निविदा/संविदा मजदूर, कर्मचारी एवं अन्य कामगारों का आर्थिक और मानसिक शोषण अनुबंधित कार्यदाई संस्थाओं, विभागीय अधिकारी, निजी कंपनियों के मालिकों के द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। रसोइया कर्मी (महिलाओं/पुरुष)को मात्र रुपए 1500 वेतन दिया जा रहा है तो वहीं विद्युत विभाग में घातक कार्य जान जोखिम में डालकर नियमित प्रकार का कार्य करने वाले निविदा कर्मीयों को केवल रुपए 8000 एवं रुपए 10000 वेतन दिया जा रहा है। जिसको दृष्टिगत रखते हुए निविदा/संविदा मजदूर,कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के द्वारा दिनांक 2 जून 2023 से जनपद बरेली से प्रारंभ हुई हक दो साइकिल यात्रा 11 जून 2023 को राजघाट गांधी समाधि स्थल पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद समाप्त हुई आज 12 जून 2023 को विद्युत व रसोईया कर्मियों द्वारा जंतर मंतर पर पूर्व सूचना के तहत जनसभा कर केंद्र सरकार को घेरा। जनसभा में उपस्थित समिति के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा तानाशाह सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विद्युत व रसोईया कर्मियों की समस्याओं का समय रहते समाधान कराने की अपील भारत सरकार से की। यहां कर्मचारियों को संबोधित करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक मृदुलेश यादव ने कहा कि हमारा संघर्ष हमेशा जारी रहेगा। सह संयोजक इंजीनियर हर्षवर्धन ने कहा कि कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए रोड से लेकर कोर्ट तक की लड़ाई जारी रहेगी। सह संयोजक हरीश चंद्र यादव ने कहा की यह कोई आखिरी साइकिल यात्रा नहीं है हम आगे भी साइकिल यात्रा करेंगे। विद्युत कर्मियों के नेता देवेंद्र कुमार पांडे ने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार आउट सोर्स विद्युत संविदा कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है यह न्याय संगत नहीं है सभी निविदा कर्मियों को समान कार्य का समान वेतन दिया जाए। निविदा व संविदा मजदूर, कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सभा स्थल पर पहुंचे अधिकारियों को दिया गया। यहां छत्तीसगढ़,उत्तराखंड उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मी व रसोईया कर्मी मौजूद रहे।
जनसभा में देवेंद्र कुमार पांडे, मोहम्मद खालिद, हर्षवर्धन, हरीशचंद्र यादव, ठाकुर धीरेंद्र कुमार सिंह, रमेश चंद राजपूत, अरुण कुमार यादव, शुभम कनौजिया, रण बहादुर यादव, मुकेश कठेरिया, मुसब्बर अली, राजीव यादव, रिंकू श्रीवास्तव, प्रदीप चौधरी, मान सिंह, वासुदेव, हरिशंकर शर्मा, मोहनलाल, राजबहादुर, तुलसी मौर्य, अख्तर भाई, यशोदा, नीता कुमारी, रंजना, किशोरी देवी आदि हजारों की संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।
